Rajasthan lumpy virus news : गुजरात के बाद राजस्थान में भी गौवंश में फैल रहे लंपी वायरस को लेकर सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है। इसकी रोकथाम के लिए 12 लाख रुपए तक का अतिरिक्त बजट स्वीकृत किया गया है।
15 दिन में हर हाल में काबू पाने के निर्देश
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने 2 अगस्त और 3 अगस्त को लगातार बैठकें ली। वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई इन बैठकों में तमाम जिलों के कलेक्टर्स को जोड़ा गया। उषा शर्मा ने जिला प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे हर हाल में आगामी 15 दिनों में इस लम्पी वायरस को काबू में करें। शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से संसाधन उपलब्ध कराने में कोई कमी नहीं रखी जा रही है। ऐसे में वायरस को काबू में करने के हर संभव प्रयास किए जाएं। पशुपालन विभाग के अधिकारियों और चिकित्सकों को हर वक्त फिल्ड में रहकर हालात पर निगरानी रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। खासतौर पर गौशाला संचालकों के संपर्क में रहने के निर्देश दिए ताकि वास्तविक स्थिति का तुरंत पता लगाया जा सके।ॉ
संक्रमित मवेशियों को अलग बाड़े में आइसोलेट करने के निर्देश
प्रभावित जिलों के लिए राज्य सरकार ने अतिरिक्त स्टाफ तैनात कर दिया गया है। 29 पशु चिकित्सकों और 53 पशुधन सहायकों को प्रभावित जिलों में भेजा गया है। संक्रमित पशुओं के उपचार और प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए 30 अतिरिक्त वाहनों की स्वीकृति जारी की गई है। सरकार ने जिला कलेक्टर्स को छूट दी है कि वे अपने स्तर पर किराए के वाहन उपयोग में ले सकते हैं। प्रभावित जिलों पर लम्पी वायरस के हालातों की समीक्षा के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। ये नोडल अधिकारी जिलों के दौरों पर निकल गए हैं।
15 जिलों में फैल गया है वायरस, हजारों गायों की मौत
लम्पी वायरस प्रदेश के 15 से ज्यादा जिलों में फैल चुका है। इसका सबसे ज्यादा प्रकोप जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर और बीकानेर में देखने को मिला है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 4296 गायों की मौत हो चुकी है। हालांकि स्थानीय लोगों से मिल रही खबरों के मुताबिक प्रदेश में करीब 8 हजार से ज्यादा गायों की मौतें हो चुकी है।
गौशाला संचालकों को विशेष निगरानी और एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी पशुपालकों को लम्पी वायरस के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इस वायरस से पशुओं को बचाने के उपचार बताए जा रहे हैं।