प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में गोवंश में लंपी चमड़ी रोग फैलने की आशंका को कम करने तथा इसे नियंत्रित करने के लिए प्रदेश सरकार ने पशुपालन विभाग के माध्यम से त्वरित कदम उठाए हैं। ग्रामीण विकास, पंचायतीराज, पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने गुरुवार को बताया कि सभी प्रभावित जिलों में विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमें बनाई गई हैं। प्रभावित क्षेत्रों के पांच किलोमीटर के दायरे में पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। अभी तक 27831 गउओं को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि सभी जिलों में रोगी पशुओं के उपचार के लिए पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध हैं। वैक्सीन खरीदने के लिए 12 लाख रुपए की अतिरिक्त धनराशि भी जारी की गई है। विभाग के रोगव्यापिकी विंग के उपनिदेशक डा. अरुण सरकैक (मोबाइल नंबर 94180-44545) को राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। गत बुधवार को उपनिदेशकों से बैठक के दौरान प्राप्त रिपोट के अनुसार प्रदेश के आठ जिलों में कुल 4544 पशु लंपी रोग से ग्रसित पाए गए हैं और 134 गोवंश की मौत हुई है।
लक्षण देखते ही जाएं वैटरिनरी अस्पताल
वीरेंद्र कंवर ने सभी पशुपालकों से आग्रह किया है कि पशुओं में लंपी चमड़ी रोग के लक्षण दिखते ही वे तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सा संस्थान में संपर्क करें। बीमार पशुओं को अन्य पशुओं से अलग रखें। पशुशाला और उसके आसपास की जगह को कीटाणु, मक्खी-मच्छर मुक्त करने को दवाइयों का छिडक़ाव करें व पशुओं को रोग प्रतिरोधी टीके लगवाएं।