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लापरवाही के चलते भाजपा के 85 लाख डूबने की कगार पर | 

सोलन में भाजपा ने 90 लाख में  एक बीघा ज़मीन खरीदने के लिए दीनानाथ नामक व्यक्ति से इकरारनामा किया | यह इकरारनामा 2016 में हुआ |

भाजपा के लापरवाह  कार्यकर्ता इकरारनामा कर चार वर्ष तक अपने कगज़ात एकत्र करते रहे लेकिन 118 की अनुमति प्राप्त नहीं कर पाए | इकरारनामे में लिखा था कि जब भाजपा 118 की अनुमति प्राप्त कर लेगी तब वह एक वर्ष के भीतर उसकी रजिस्ट्री करेगी  | 

क़ानून की अच्छी समझ रखने वाले दीनानाथ ने तीन वर्ष पूरा होने के बाद यह ज़मीन किसी और को 26 लाख रूपये में बेच दी | जब यह बात भाजपा समिति को पता चली तो उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई वह अपनी चिर निंद्रा से जागे और जिला अध्यक्ष के माध्यम से पुलिस में ज़मीन के मालिक दीनानाथ के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई साथ में बिचौलिया जो भाजपा नेता है उसके खिलाफ भी  मामला दर्ज करवाया | 


इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए डी एस पी योगेश जोशी ने बताया कि इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि भाजपा नेता की शिकायत पर धोखाधड़ी मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है उसे रिमांड पर लिया गया है उस से कड़ी पूछताछ की जा रही है | अगर इस मामले में बिचौले बने  व्यक्ति की अगर कोई संलिप्तता पाई जाती है तो उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा | उन्होंने बताया कि दीनानाथ ने भाजपा से इकरारनामा कर ज़मीन को सोलन के किसी  अन्य व्यक्ति को बेच दिया है | इस मामले में गंभीरता से जांच की जा रही है | 


आप को बता दें कि इस ज़मीन के बिकने के बाद सोलन के कुछ भाजपा नेताओं को लापरवाही का जिम्मेवार समझा जा रहा है | लेकिन आप को बता दें कि इस समिति में सतपाल सत्ती ,कृपाल परमार ,कपिल सूद ,चंद्र मोहन ठाकुर ,डा राजीव बिंदल ,भी शामिल है | इस में कौन कितना लापरवाह रहा यह तो भाजपा हाई कमान तह करेगा |  किन्तु अब ऐसे में भाजपा को उसकी ज़मीन वापिस मिल पाएगी या नहीं इस पर सवाल उठने लगे है क्योंकि अगर क़ानून विशेषज्ञों की माने तो इकरारनामा केवल तीन वर्षो तक ही वैध होता है | अगर ऐसा होता है तो वह राशि जो कार्यकर्ताओं ने  पाई पाई जोड़ कर बड़ी मुश्किल से एकत्र  की थी वह लापरवाही की भेंट चढ़ सकती हैं