समीक्षकों को प्रभावित करने की पूरी कोशिश
फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ सीधी तरह से एक बड़े दुष्प्रचार का शिकार हुई फिल्म का उदाहरण बनकर उभरी है। फिल्म समीक्षकों के लिए मुंबई में हुए प्रेस शो में भी देश के बड़े अखबारों और शीर्षस्थ वेबसाइट्स के समीक्षकों के आसपास जानबूझकर ऐसे लोग बैठे दिखे जो फिल्म के दौरान थोड़ी थोड़ी देर में नकारात्मक प्रतिक्रियाएं करते रहे। यही नहीं फिल्म के इंटरवल के दौरान भी इन समीक्षकों को उकसाने की कोशिश की गई। जानबूझकर फिल्म को डॉक्यूमेंट्री जैसा, फिल्म की रफ्तार धीमी होना और फिल्म का देसी दर्शकों से सीधा संवाद ना बना पाना जैसी बातें भी इंटरवल के दौरान समीक्षकों के आसपास की जाती रहीं। फिल्म की समीक्षाएं मिश्रित रहीं। लेकिन जिन लोगों ने भी फिल्म की तारीफ की, उनको सोशल मीडिया पर बुरी तरह ट्रोल किया गया।
फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ सीधी तरह से एक बड़े दुष्प्रचार का शिकार हुई फिल्म का उदाहरण बनकर उभरी है। फिल्म समीक्षकों के लिए मुंबई में हुए प्रेस शो में भी देश के बड़े अखबारों और शीर्षस्थ वेबसाइट्स के समीक्षकों के आसपास जानबूझकर ऐसे लोग बैठे दिखे जो फिल्म के दौरान थोड़ी थोड़ी देर में नकारात्मक प्रतिक्रियाएं करते रहे। यही नहीं फिल्म के इंटरवल के दौरान भी इन समीक्षकों को उकसाने की कोशिश की गई। जानबूझकर फिल्म को डॉक्यूमेंट्री जैसा, फिल्म की रफ्तार धीमी होना और फिल्म का देसी दर्शकों से सीधा संवाद ना बना पाना जैसी बातें भी इंटरवल के दौरान समीक्षकों के आसपास की जाती रहीं। फिल्म की समीक्षाएं मिश्रित रहीं। लेकिन जिन लोगों ने भी फिल्म की तारीफ की, उनको सोशल मीडिया पर बुरी तरह ट्रोल किया गया।
गुरुवार को पूरा होगा पहला हफ्ता
फिल्म की रिलीज का पहला हफ्ता गुरुवार को पूरा हो रहा है। लेकिन, तमाम उत्साही डिजिटल पत्रकारों ने फिल्म को चौथे दिन से ही फ्लॉप लिखना शुरू कर दिया बिना इस बात की परवाह किए कि कई बार फिल्में दूसरे हफ्ते में भी कमाल कर जाती हैं और किसी फिल्म के हिट या फ्लॉप होने का फैसला आमतौर पर फिल्म के सिनेमाघरों से उतर जाने के बाद ही सुनाया जाता है। लेकिन, एक मुहिम के तहत ये भ्रम भी खूब फैलाया गया कि फिल्म फ्लॉप हो चुकी है और फिल्म के वितरकों ने इसे बनाने वालों से मुआवजा मांगना शुरू कर दिया है। जबकि असलियत ये है कि फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ को बनाने वाली कंपनी वॉयकॉम18 देश के दिग्गज स्टूडियोज में शामिल है और ये अपनी फिल्में पूरे देश में खुद ही वितरित करती रही है।
फिल्म की रिलीज का पहला हफ्ता गुरुवार को पूरा हो रहा है। लेकिन, तमाम उत्साही डिजिटल पत्रकारों ने फिल्म को चौथे दिन से ही फ्लॉप लिखना शुरू कर दिया बिना इस बात की परवाह किए कि कई बार फिल्में दूसरे हफ्ते में भी कमाल कर जाती हैं और किसी फिल्म के हिट या फ्लॉप होने का फैसला आमतौर पर फिल्म के सिनेमाघरों से उतर जाने के बाद ही सुनाया जाता है। लेकिन, एक मुहिम के तहत ये भ्रम भी खूब फैलाया गया कि फिल्म फ्लॉप हो चुकी है और फिल्म के वितरकों ने इसे बनाने वालों से मुआवजा मांगना शुरू कर दिया है। जबकि असलियत ये है कि फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ को बनाने वाली कंपनी वॉयकॉम18 देश के दिग्गज स्टूडियोज में शामिल है और ये अपनी फिल्में पूरे देश में खुद ही वितरित करती रही है।
वॉयकॉम18 के सीओओ ने बताई सच्चाई
फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ के खिलाफ चल रही इस कथित मुहिम पर अब वॉयकॉम18 स्टूडियोज के मुख्य संचालन अधिकारी (सीओओ) अजित अंधारे ने खुलकर हैरानी जताई है। वह कहते हैं, ‘फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ के वितरण का काम तो खुद उनकी कंपनी ने किया है। हमने ही फिल्म बनाई है। बीच में कोई दूसरा वितरक भी शामिल नहीं है तो फिर ये मुआवजा कौन मांग रहा है और किससे मांग रहा है?’ अंधारे ने उन खबरों का भी खंडन किया जिसमें कहा गया कि फिल्म बनाने वालों को करोड़ों का नुकसान हो गया है।
फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ के खिलाफ चल रही इस कथित मुहिम पर अब वॉयकॉम18 स्टूडियोज के मुख्य संचालन अधिकारी (सीओओ) अजित अंधारे ने खुलकर हैरानी जताई है। वह कहते हैं, ‘फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ के वितरण का काम तो खुद उनकी कंपनी ने किया है। हमने ही फिल्म बनाई है। बीच में कोई दूसरा वितरक भी शामिल नहीं है तो फिर ये मुआवजा कौन मांग रहा है और किससे मांग रहा है?’ अंधारे ने उन खबरों का भी खंडन किया जिसमें कहा गया कि फिल्म बनाने वालों को करोड़ों का नुकसान हो गया है।