नई दिल्ली. कोरोना वायरस का प्रकोप फैलने के बाद देश भर में लॉकडाउन लगने के साथ दो पुराने दोस्तों आकाश म्हास्के और आदित्य कीर्तने का करियर भी संकट में पड़ गया था. आकाश और आदित्य इंजीनियर के तौर पर एक कंपनी में काम कर रहे थे कि कोविड महामारी ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी. लॉकडाउन का पहला महीना तो उन्होंने फिल्में देखकर गुजार लिया था लेकिन बंदी की स्थिति जारी रहने पर उनकी नौकरी ही चली गई.
ऐसे शुरू हुआ मीट का बिजनेस
औरंगाबाद के आसपास अनेक इंडस्ट्रियल यूनिट्स हैं और दोनों किसी अन्य कंपनी में अपनी किस्मत आजमा सकते थे. लेकिन उन्होंने नौकरियों के लिए आवेदन करने के बजाय खुद का काम शुरू करने का फैसला किया. उन्होंने सफल कारोबारी बनने के गुर बताने वाली कुछ किताबें पढ़ने के बाद इस दिशा में अपना इरादा पक्का कर लिया. लेकिन वे यह नहीं सोच पा रहे थे कि काम क्या करें. शुरुआत एक स्थानीय विश्वविद्यालय में मांस और पॉल्ट्री प्रोसेसिंग पर वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्स से हुई. इसके साथ उन्होंने मांस के असंगठित मार्केट में घुसने का मन बनाया. दोनों को शुरू में उनके परिवारों से पूरा समर्थन भी नहीं मिला.
पीटीआई से बात करते हुए आदित्य ने कहा, ‘‘हमारे परिवारों को शुरू में लगा कि हम जिस तरह का काम कर रहे हैं उसमें कोई अपनी लड़की की शादी नहीं करना चाहेगा. लेकिन बाद में हमारे परिवार के लोग साथ में खड़े रहे.’’
25 हजार रुपये के फंड से शुरू की Apetitee नामक कंपनी
उन्होंने 100 वर्गफुट क्षेत्र में अपने दोस्तों की मदद से जमा किए गए 25,000 रुपये के फंड से ‘एपेटाइटी’ (Apetitee) नामक कंपनी शुरू की जिसका एक महीने का कारोबार अब 4 लाख रुपये महीने से ज्यादा हो चुका है. दोनों का कारोबार धीरे-धीरे बढ़ने लगा था.
दो साल बाद 10 करोड़ में बेची कंपनी
इसी दौरान शहर की ही एक कंपनी फैबी कॉर्पोरेशन की नजर उन पर पड़ गई. फैबी ने हाल ही में एपेटाइटी की मेजोरिटी हिस्सेदारी 10 करोड़ रुपये में खरीद ली है. हालांकि आदित्य और आकाश कुछ हिस्सेदारी के साथ अब भी इसके साथ जुड़े रहेंगे. फैबी के डायरेक्टर फहाद सैयद ने कहा कि डील के बाद ‘एपेटाइटी’ ब्रांड बरकार रहेगा और इसके बैनर तले ही नए प्रोडक्ट पेश किए जाएंगे.