जयपुर. भारतीय रेलवे (Indian Railway) इस समय एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है. देश के सभी रेलवे जोन को आधुनिक बनाया जा रहा है. केन्द्र सरकार रेलवे के लिए बजट भी दिल खोलकर जारी कर रही है. इसी कड़ी में देशभर में 200 वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat trains) का संचालन किया जाएगा. उत्तर पश्चिम रेलवे के हिस्से में शुरुआती दौर में 5 नई ट्रेनें आई हैं. इन ट्रेनों के संभावित रूट का खाका भी तैयार कर लिया गया है. इन संभावित रूट को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है. रैक से लेकर ऑटोमेटिक सिग्निलिंग का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है.
उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में 5 नई वंदे भारत ट्रेनों का ऐलान किया गया है. इनकी घोषणा के बाद से ही ये सवाल लगातार पूछा जा रहा था कि राजस्थान में कौनसे रूट पर सबसे पहले वंदे भारत रेल चलेगी. उत्तर पश्चिमी रेलवे ने अब इसका जवाब भी दे दिया है. उत्तर पश्चिमी रेलवे के प्रारंभिक स्तर के संभावित प्लान के अनुसार राजस्थान में जयपुर-दिल्ली, जयपुर-जोधपुर, जयपुर-उदयपुर और जयपुर से कोटा के बीच इन ट्रेनों की संचालन किया जायेगा.
किराया दूसरी ट्रेनों के मुकाबले ज्यादा होगा
उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण के अनुसार योजना के तहत जयपुर, श्रीगंगानगर, अजमेर, उदयपुर और जोधपुर में मेंटेनेंस डिपो विकसित किये जायेंगे. वंदे भारत को सेमी बुलेट ट्रेन कहा जा रहा है. इससे सफर में औसतन एक घंटे की बचत होगी. इसका किराया दूसरी ट्रेनों के मुकाबले महंगा होगा. राजस्थान में जयपुर-रींगस रूट पर 1 हजार करोड़ रुपये की लागत से मेमू मेंटेनेंस डिपो तैयार किया जा रहा है. वंदे भारत को लेकर मेंटेनेस डिपो बनाने का काम शुरू हो चुका है. ये भारत की स्वनिर्मित ट्रेन होगी जो आधुनिक संसाधनों के इस्तेमाल के साथ चलेगी.
ट्रायल रन की तारीख भी सामने आने वाली है
उत्तर पश्चिम रेलवे का मानना है कि 2023 तक ये ट्रेन जयपुर-दिल्ली और जोधपुर के बीच दौड़ने लग जायेंगी. तमाम सुविधाओं के साथ इस ट्रेन में सफर करना दिलचस्प होगा. जल्द ही जयपुर से जोधपुर के बीच इसके ट्रायल रन की तारीख भी सामने आने वाली है. सब कुछ ठीकठाक रहा तो कुछ ही महीनों में ये ट्रेन पटरियों पर होगी और हवा से बातें करती हुई नजर आएगी.