वर्चुअल रियलिटी ऐप मेकर के साथ मेटा की डील रोकने के लिए कोर्ट पहुंचा यूएस रेगुलेटर

वॉशिंगटन. यूएस मार्केट रेगुलेटर्स बुधवार को फेसबुक ऑनर मेटा को वर्चुअल रियलिटी फिटनेस ऐप मेकर्स को खरीदने से रोकने के लिए अदालत का रुख किया. इससे टेक दिग्गज मेटावर्स महत्वाकांक्षाओं को बड़ा झटका लगा है. संघीय अदालत में दायर एक शिकायत में फेडरल ट्रेड कमिशन (FTC) ने कहा है कि मेटा अपने वर्चुअल रियलिटी एम्पाइअर का अवैध रूप से विस्तार करने के लिए सुपरनैचुरल के मेकर्स से फिटनेस ऐप खरीद रही है.

फेसबुक (फाइल फोटो)

मेटा ने इंटरनेट के भविष्य के लिए अपने मेटावर्स विजन के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रही है. इसके लिए कंपनी ने इंटरेक्टिव वर्चुअल वर्ल्ड पर भारी दांव लगाया है जो कंपनी की पावर को सुनिश्चित करेगा. FTC ने आगे कहा कि यह अधिग्रहण वर्तमान और भविष्य दोनों में प्रतिस्पर्धा को समाप्त कर सकता है.इससे मेटा अपने संपूर्ण मेटावर्स के मालिक बनने के टारगेट की ओर बढ़ेगा. एफटीसी ने कहा कि यह केस विशेष रूप से मेटा और जुकरबर्ग पर लगाम लगाएगा. शिकायत में फिटनेस ऐप्स को वीआर के लिए हत्यारा कहा गया है.

मेटा का जवाब

इस मामले में मेटा ने कहा कि एफटीसी के कदम ने रियलिटी को खारिज कर दिया है और विश्वास व्यक्त किया कि इस डील से VR यूजर्स के साथ-साथ उस बाजार में ऐप बनाने वाले डेवलपर्स के लिए भी अच्छी होगी. एएफपी के जवाब में मेटा ने कहा कि एफटीसी का मामला विचारधारा और अटकलों पर आधारित है, सबूत पर नहीं. एफटीसी का मानना है कि इस अधिग्रहण से प्रतिस्पर्धा खत्म हो जाएगी. यह विश्ववसनीय नहीं हैं.

मेटा वर्चुअल रियलिटी मार्केट का किंग
मेटा पहले से ही वर्चुअल रियलिटी मार्केट में एक लीडिंग प्लेयर है. मार्क जुकरबर्ग ने जोर देकर कहा है कि मेटावर्स कंपनी के भविष्य की कुंजी है. सिलिकॉन वैली टाइटन ने सालों पहले वर्चुअल रियलिटी गियर निर्माता ओकुलस और स्टूडियो को डिजिटल क्षेत्र में उपयोग के लिए ऐप्स के लिए डेडिकेटिड कर दिया था.