शिकायतों को निपटाने में अमित शाह का मंत्रालय रह गया काफी पीछे, कैसा है दूसरों का हाल

शिकायतों को निपटाने के मामले में सहकारिता मंत्रालय का प्रदर्शन दूसरे मंत्रालयों और विभागों की तुलना में काफी निराशाजनक है। 89 मंत्रालयों और विभागों की रैंकिंग में सहकारिता मंत्रालय का सबसे खराब प्रदर्शन है। पिछले साल ही इस मंत्रालय का गठन हुआ है।

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नई दिल्ली: पिछले साल जुलाई के महीने में मोदी सरकार (Modi Sarkar) में कैबिनेट विस्‍तार से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला किया था। केंद्र सरकार की ओर से एक अलग मंत्रालय बनाया गया जिसका नाम ‘मिनिस्‍ट्री ऑफ को-ऑपरेशन’ (सहकारिता मंत्रालय) है। एक साल बाद इस मंत्रालय (Ministry Of Cooperation)का रिपोर्ट कार्ड सामने आया और पेंडिंग शिकायतों के निपटाने के मामले में यह दूसरे मंत्रालयों से काफी पीछे है। पेंडिंग शिकायतों को निपटाने में सहकारिता मंत्रालय 89 मंत्रालयों और विभागों में काफी पीछे है।
रिपोर्ट के अनुसार मिनिस्‍ट्री ऑफ को-ऑपरेशन में 18,203 और स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग में 11,644 शिकायतें लंबित है। जुलाई तक 45 दिनों से अधिक समय से सबसे अधिक लंबित शिकायतें हैं। यह पिछले महीने तक किसी शिकायत को निपटाने के लिए अनिवार्य अधिकतम समय-सीमा थी, इससे पहले सभी मंत्रालयों में इसे 30 दिन कर दिया गया था।

सहकारिता मंत्रालय में कुल 20 हजार 581 शिकायतें लंबित हैं। इसके बाद पेंडिंग शिकायतों में बारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की है जहां 15 हजार 583 कम्प्लेन पेंडिंग है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, राजस्व विभाग और रक्षा विभाग शीर्ष 10 विभाग हैं जिनमें अधिकतम संख्या में पेंडेंसी हैं।

शिकायतों को निपटाने में सहकारिता मंत्रालय, परिवार कल्याण विभाग और कानूनी मामलों का विभाग ये तीनों विभाग टॉप पर हैं जिन्होंने एक शिकायत का निपटारा करने में सबसे अधिक वक्त लिया। किस मंत्रालय और विभाग में शिकायतों को लेकर बेहतर काम हुआ है इसके लिए खास पैमाना बनाया गया। इस इंडेक्स को बनाने के लिए 1 फरवरी, 2022 से 25 जुलाई तक का डेटा लिया गया है।