शिमला, 22 अगस्त : जुन्गा के समीप चनेया शलोठ में एक रिहायशी मकान पर बीते रविवार सांय देवदार के तीन पेड़ गिरने से मकान की छत टूट गई है। जिससे कृष्णदत का परिवार बेघर हो गया है। कृष्ण दत ने अपनी दुःख भरी दास्तां सुनाते हुए बताया कि देवदार का एक पेड़ बीते कल प्रातः करीब 6 बजे और तीन पेड़ों का झुंड सायं करीब 7 बजे घर पर आ गिरा, जिससे उनके मकान की छत टूट गई। इसके अतिरिक्त उनके निर्माणाधीन मकान में भी पेड़ गिरने से दरारें आ गई है। जिससे कृष्ण दत के परिवार पर संकट का पहाड़ टूट गया है।
उन्होंने बताया कि भारी बारिश के कारण देवदार के पेड़ों के गिरने की आशंका पहले ही बनी हुई थी, जिसके चलते उनका परिवार भाई के घर में रह रहा था। इस बारे वन विभाग को भी सूचना दे दी गई थी, जिससे कोई जानी नुकसान होने से बच गया। कृष्ण दत्त को अभी तक कोई सरकारी राहत नहीं मिली है। घर असुरक्षित होने के कारण कृष्ण दत्त ने जुन्गा में किराए पर कमरा ले लिया है, ताकि परिवार को सुरक्षित स्थान पर रख सके।
कृष्ण दत पेशे के वाहन चालक है, जोकि जनेडघाट के एक कारोबारी की गाड़ी चलाते हैं। कृष्ण दत ने बताया कि उनके द्वारा इलाके के फोरेस्ट गार्ड और पटवारी को मौके पर बुलाया गया था। फोेरेस्ट गार्ड ने बताया कि उनके पास पेड़ को हटाने का अधिकारी नहीं है। पटवारी अशोक शर्मा ने बताया कि उनके मकान को हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।
हैरानी की बात यह है कि रैंज ऑफिसर कोटी रूपेन्द्र शर्मा से जब इस बारे बात की गई तो उन्होंने पेड़ को हटाने की शक्तियां केवल एसडीएम शिमला के पास है। एसडीएम के आदेश पर ही छत पर से पेड़ हटाए जा सकेगें। कृष्ण दत्त के दिल को सकून देने की बजाए वन विभाग कानून का पाठ पढ़ाकर अड़चनें उत्पन्न कर रहा है।
दूसरी ओर तहसीलदार जुन्गा एचएल घेस्टा ने बताया कि प्रभावित परिवार राहत नियमावली के अनुरूप राहत राशि प्रदान की जाएगी।