संघर्ष को सलाम: पिता बेचते हैं चाय, बेटी ने अफसर बन बढ़ाया मान, 6 बार असफलता पर भी नहीं मानी हार

यूपी पीसीएस के परिणाम आते ही चाय बेच कर अपने परिवार का पालन-पोषण करने वाले मेरठ के शंकरदत्त शर्मा उर्फ गोपाल के घर खुशियों से घूम उठा. इसका कारण ये है कि इनकी बेटी शिखा शर्मा पीसीएस अधिकारी बन गई है. पीसीएस अधिकारी बनने वाली मेरठ की बेटी शिखा शर्मा ने ये तो साबित कर दिया कि अपने हौसले और मेहनत के दम पर इंसान कैसे भी हालातों से निकल कर अपनी मंजिल पा सकता है.

पिता बेचते हैं चाय, बेटी बनी अधिकारी

Tea Seller Daughter Shikha Sharma Twitter

मेरठ की शिखा शर्मा के पिता शंकरदत्त शर्मा उर्फ गोपाल चाय टीपी नगर क्षेत्र के मलियाना के चंद्रलोक कॉलोनी में रहते हैं. शिखा पिछले सात सालों से लगातार पीसीएस की परीक्षा दे रही थीं. लगातार मिल रही असफलताओं के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और मेहनत व धैर्य के दम पर आगे की तैयारी में जुटी रहीं. उनकी मेहनत ने आखिरकार अपना रंग दिखा ही दिया और आज परिणाम उनके पक्ष में आए हैं. उनकी इस सफलता के बाद उनके परिवार में जश्न का माहौल है.

असफलताओं के आगे नहीं मानी हार

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यूपी बोर्ड से संबद्ध महावीर शिक्षा सदन से हाईस्कूल व सेठ बीके माहेश्वरी से इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने वाली शिखा ने 2013 में डीएन डिग्री कॉलेज से बीएससी और 2015 में मेरठ कॉलेज से मॉर्डन हिस्ट्री से एमए की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद से वो पीसीएस परीक्षा की तैयारी में जुटी हुई थीं. वह पिछली परीक्षा में मात्र एक नंबर से रह गई थीं. एक बार इंटरव्यू पास नहीं हो पाईं. लेकिन उनके हौसलों के आगे मुश्किलों ने हार मान ली और उन्होंने संघर्ष के बावजूद पीसीएस की परीक्षा पास कर ली. उन्होंने लोक प्रशासन विषय से परीक्षा पास की है, उन्हें जिला दिव्यांगजन कल्याण सशक्तिकरण अधिकारी का पद मिला है.

परिवार ने हमेशा दिया साथ

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शिखा शर्मा ने बताया कि उनकी मां पुष्पा शर्मा और पापा शंकरदत्त शर्मा व परिवार के लोगों ने उन्हें कभी हार नहीं मानने दी. परीक्षा परिणाम से निराशा मिली तो उन्होंने पढ़ाई छोड़ने का मन बनाया लेकिन परिवार के लोगों ने उन्हें पढ़ाई न छोड़ने का हौसला दिया. जिससे उन्हें आगे बढ़ने की हिम्मत मिली. बेटी की सफलता पर पिता शंकरदत्त शर्मा का कहना है कि उनकी बेटी होनहार है और उन्होंने बेटे से बढ़कर उसका साथ दिया है. उन्होंने कहा कि सभी को बेटियों पर भरोसा कर उसे आगे बढ़ने देंगे तो परिणाम ऐसे ही आएंगे.