नई दिल्ली: दिल्ली की सड़कों पर बवाल करने और पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है. नार्थ वेस्ट दिल्ली में सड़क पर बवाल मचाने, पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ करने और पुलिसकर्मियों पर हमला कर घायल करने वाले 27 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि आरोपियों को हमले में 8 पुलिसकर्मी घायल हो गए. यह घटना बुधवार रात करीब साढ़े दस बजे की है.
नार्थ वेस्ट दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 27 जुलाई को अशोक विहार थाना के पुलिसकर्मी गश्त पर थे, तभी प्रेमबाड़ी पुल के पास रात करीब 10.30 बजे उन्होंने एओ ब्लॉक शालीमार बाग के स्थानीय निवासियों की भीड़ को प्रेमबारी बस स्टैंड के पास विपरीत दिशा में देखा. इस बीच थाना शालीमार बाग में स्थानीय निवासियों द्वारा ट्रैफिक जाम के संबंध में एक पीसीआर कॉल भी आई. गश्त करने वाला स्टाफ अपने साथ वाले स्टाफ के साथ तुरंत उस तरफ पहुंचा. शालीमार बाग और आसपास के थानों की स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. सभी थानों से जिला रिजर्व और पुलिस बल भी जुटा लिया गया.
स्थानीय पूछताछ के दौरान यह पता चला कि एक संतोष (23 वर्ष) नाम के युवक का प्रेमबाड़ी बस स्टैंड के पास खड़े 2-3 ड्रग एडिक्ट लड़कों के साथ कुछ झगड़ा हुआ था. उन्होंने सड़क पर आए झुग्गी के स्थानीय निवासियों को बुलाकर ट्रैफिक रोकना शुरू कर दिया. वे जोरजोर से आक्रामक नारे भी लगा रहे थे. पुलिस ने भीड़ को शांत करने की कोशिश की, तभी करीब 150-180 लोग जमा हो गए. इन्होंने ट्रैफिक को रोकना शुरू कर दिया और सड़क पर बैठ गए.
आगे बताया गया कि जब पुलिस ने यातायात की आवाजाही की अनुमति देने के लिए उन्हें सड़क से हटाने की कोशिश की तो कुछ बदमाशों ने राहगीरों और पुलिस कर्मियों पर पथराव किया और बोतल भी फेंकीं. उन्होंने एक ट्रैफिक मोटरसाइकिल में भी आग लगाने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने तुरंत आग पर काबू पा लिया. आरोपियों ने पुलिस की 3-4 गाड़ियों के शीशे भी तोड़ दिए. इसके बाद पुलिस ने थोड़ा लाठीचार्ज का सहारा लेकर तत्काल स्थिति पर काबू पाया.
पुलिस ने बताया कि घटना के दौरान संतोष नाम का शख्स और 8 पुलिस कर्मी घायल हो गए. सभी घायलों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. उन नशेड़ियों से झगड़ा करने वाले और भीड़ को सड़क पर लाने में अहम भूमिका निभाने वाले संतोष ने पुलिस की एक गाड़ी के शीशे की खिड़की पर अपना बायां हाथ तोड़ दिया था, उसे भी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. क्राइम टीम को मौके पर बुलाया गया और एफआईआर दर्ज की गई. इस मामले में 27 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है और आगे की जांच जारी है.