सिरमौर में सप्ताह भर में जंगली जानवरों के मिलने से खुशी के साथ दुख, पढ़ें रोचक खबर…

इसमें कोई दो राय नहीं है, तकरीबन तीन साल से सिरमौर की जलवायु वन्यजीवों के अनुकूल नजर आ रही है। अचानक ही वन्यजीवों से जुड़ी खबरें सुर्खियां बन रही हैं। हालांकि, दुखद बात ये है कि एक बुजुर्ग महिला को जान भी गंवानी पड़ी। तकनीक के युग में जानवरों की मूमेंट भी कैमरे में कैद हो रही है।

समाचार के शीर्षक से आपके जहन में निश्चित तौर पर कई विचार कौंध रहे होंगे। आपकी जिज्ञासा को दूर करते हुए बताते हैं, कैसे महज एक सप्ताह के भीतर ही जानवरों से जुड़ी चार घटनाएं सामने आई। दिलचस्प ये है कि आईयूसीएन की रैड कैटेगरी में शुमार टाइगर भी इसमें शामिल है।

नाग-नागिन…
नाहन शहर के समीपवर्ती गांव मझोली में नाग-नागिन का जोड़ा यौन क्रीडा के दौरान कैमरे में कैद हुआ। हालांकि इस तरह के वीडियो पहले भी सामने आते रहे हैं, लेकिन इसमें नाग का यौन क्रीड़ा से पहले का गुस्सा शायद दुर्लभ वीडियोज में हो सकता है। खास बात ये भी है कि ग्रामीण डरे तो हुए हैं, लेकिन इन्हें मारने की कोशिश नहीं करते।

ये वीडियो शुक्रवार का बताया गया है। हैरान करने वाली बात ये है कि वीडियो बनाने वाले युवक को डर तो लग रहा था, लेकिन नजारे को शूट करने के लिए रिस्क भी लिया था। चंद सप्ताह से नाग-नागिन की शहर के आसपास यौन क्रीड़ा आम बात हुई है।

गौरतलब है कि करीब दो साल पहले कोलर पंचायत में किंग कोबरा की साइटिंग ने वाइल्ड लाइफ को खुशी के मारे उछाल दिया था, क्योंकि अद्भुत तरीके से हिमाचल में किंग कोबरा साइट हुआ था। इसके अलावा श्री रेणुका जी में भी सांप की दुर्लभ प्रजाति पाई गई थी।

टाइगर….
तीन दिन पहले हरियाणा ने कलेसर नेशनल पार्क में टाइगर की मौजूदगी की तस्वीर शेयर की थी। बताया गया कि ये तस्वीर 18-19 अप्रैल को ट्रैप कैमरे में कैद हुई। दिलचस्प है कि हिमाचल के सिंबलवाड़ा नेशनल पार्क में एक सप्ताह से भी कम समय में टाइगर चौथी बार ट्रैप कैमरे में कैद हुआ। इसका मतलब ये है कि हरियाणा के नेशनल पार्क में घूमने के बाद टाइगर वापस हिमाचल आ गया।

हाथियों की टोली…
वन विभाग की मानें तो पहली बार हाथियों की इतनी बड़ी टोली हिमाचल की सीमा में दाखिल हुई है। तकरीबन 15 साल पहले एक हाथी आया करता था। हालांकि, विभाग पुख्ता तौर पर ये नहीं कह पा रहा कि टोली में कितने हाथी है, लेकिन आंकड़ा 15 के करीब बताया जा रहा है।

दुखद बात ये है कि कोलर पंचायत में हाथी के हमले में एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। इसके बाद वन व वाइल्ड लाइफ विभाग संयुक्त तौर पर आबादी वाले इलाकों को गजराज के हमले से बचाने के लिए सोलर फेसिंग पर भी विचार कर रहा है। बताते हैं कि ये मॉडल उत्तराखंड में पहले से ही अपनाया जा चुका है।

आवारा सांड….
नाहन विकास खंड की विक्रमबाग पंचायत में आवारा सांड के आतंक की भी खबरें आ रही हैं। हैरान कर देने वाली बात ये है कि सांड के आतंक की पोल खोलने के उद्देश्य से ग्रामीणों द्वारा जोखिम उठाकर ऐसे वीडियो भी बनाए गए, जिसमें एक महिला बचाव के लिए पेड़़ पर चढ़ी हुई है, जबकि एक शख्स पानी की टंकी पर चढ़कर जान बचाता नजर आ रही है।

आवारा सांड से बचने के लिए पेड़ व टंकी पर चढ़े ग्रामीण

ग्रामीणों ने साफ तौर पर कहा कि कोई सुनवाई नहीं हो रही। हाथी के हमले की तरह पंचायत में सांड भी हमला कर सकता है। एक सप्ताह के भीतर एक व्यक्ति को घायल कर चुका है, जबकि दो-तीन ने ऊंची जगह चढ़कर सांड से जान बचाई।

कुल मिलाकर टाइगर की मौजूदगी अलग बात है, लेकिन काफी हद तक ये माना जाने लगा है कि सिरमौर के तराई वाले इलाकों में वन्यजीवों की आबादी बढ़ रही है। इसमें दुर्लभ वन्यप्राणी शामिल हैं।