चार्जशीट कमेटी के अध्यक्ष राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में तैयार की गई चार्जशीट को 15 अगस्त से पहले राज्यपाल को सौंपने की तैयारी है। इससे पहले 7 अगस्त को शिमला में पार्टी की बैठक प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रभारी भूपेश बघेल के नेतृत्व में होगी, जिसमें चार्जशीट राज्यपाल को सौंपने पर चर्चा होगी।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों और अफसरशाही के खिलाफ चार्जशीट तैयार की है। चार्जशीट कमेटी के अध्यक्ष राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में तैयार की गई चार्जशीट को 15 अगस्त से पहले राज्यपाल को सौंपने की तैयारी है। इससे पहले 7 अगस्त को शिमला में पार्टी की बैठक प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रभारी भूपेश बघेल के नेतृत्व में होगी, जिसमें चार्जशीट राज्यपाल को सौंपने पर चर्चा होगी। इस बैठक में सह प्रभारी सचिन पायलट भी मौजूद रहेंगे। चार्जशीट तैयार कर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला को सौंप दी गई है। इसमें प्रदेश सरकार के सिर्फ एक मंत्री पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है। गौर हो कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाल ही में बयान दिया था कि कांग्रेस चार्जशीट देने की गलती न करे, जिससे यह बात तो साफ है कि जब कांग्रेस चार्जशीट राज्यपाल को सौंपेगी तो प्रदेश की राजनीति में बड़ी हलचल होगी। इसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगा। भाजपा भी इसके जवाब में कोई कार्रवाई जरूर करेगी।
तथ्यों के आधार पर आरोप : धर्माणी
चार्जशीट कमेटी अध्यक्ष राजेश धर्माणी ने कहा कि चार्जशीट में हर आरोप सुबूत और तथ्यों के आधार पर लगाए गए हैं। कुछ जानकारियां आरटीआई के माध्यम से तो कुछ विधानसभा में प्रश्न पूछकर जुटाई गई हैं। धर्माणी ने कहा कि चार्जशीट कमेटी ने जांच के दौरान पाया कि विभिन्न विभागों में सामग्री की खरीद में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई हैं। विशेष रूप से जल शक्ति विभाग ने पानी की सप्लाई के लिए घटिया गुणवत्ता के पाइप इस्तेमाल किए हैं, जबकि कागजों में पैसा गुणवत्ता पूर्ण पाइप की खरीद के लिए खर्च किया बताया गया है। आरोप है कि इतने ज्यादा पाइप खरीदे गए कि जल शक्ति विभाग के पास इन्हें रखने के लिए जगह तक नहीं है। कई जगह सड़क किनारे पाइप पड़े हैं।