कोरोना कर्फ्यू और लॉक डाऊन के चलते मज़दूरों और कामगारों के दिलों में खौफ पैदा हो गया था यही वजह रही कि वह अपने अपने गांव की और प्लायन कर चुके है | परिणाम स्वरूप अब सोलन में मज़दूरों की कमी खलने लगी है | जिसके चलते व्यवसायियों को माल की ढुलाई में भारी दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है | आप को बता दें कि सोलन में ढुलाई का कार्य ज़्यादातर कश्मीरी मज़दूर किया करते थे लेकिन कश्मीरी लेबर यहाँ से वापिस जा चुकी है कुछ चंद लोग ही यहाँ पर बचे है | जिसकी वजह से अब व्यवसाय प्रभावित होने लगा है | ट्रांसपोर्ट में माल पड़ा है लेकिन उठाने वाला कोई नहीं है राशन की दुकानों से होम डिलीवरी बंद हो चुकी है | कोरोना के साथ साथ थोक विक्रेताओं को मज़दूरों की कमी का भी सामना करना पड़ रहा | पहले लॉक डाउन और अब मज़दूरों की कमी की दोहरी मार सोलन का व्यपारी झेलने को मजबूर है ऐसे में अर्थव्यवस्था पटरी पर दोबारा कैसे लौटेगी व्यापारी को समझ नहीं आ रहे है |
व्यापारियों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि 80 प्रतिशत कश्मीरी लेबर वापिस जा चुकी है | जो बीस प्रतिशत लेबर यहाँ बची है वह भी अनजाने खौफ के कारण वापिस जाने को तैयार है | जिसकी वजह से सोलन का व्यवसायी व्यापार नहीं कर पा रहा है | उन्होंने कहा कि जो लेबर यहाँ वर्तमान में मौजूद है उनका मनोबल बढ़ाने की आवश्यकता है अन्यथा वह भी यहाँ से जाने को तैयार है | अगर यह भी यहाँ से चले जाते है तो व्यवसाय करना मुश्किल हो जाएगा | उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को अगर मजबूत करना है तो जल्द सरकार को बसें चलानी होंगी क्योंकि बसें चलने से सिरमौर की लेबर सोलन आ सकती है और सामान भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जा सकता है | उन्होंने यह भी एतराज जताया कि सरकार मज़दूरों को यहाँ से भेज कर अपना पल्ला झाड़ना चाहती है लेकिन मज़दूरों के प्लायन से व्यापारियों को क्या दिक्क्तें आएगी इस बारे में कोई योजना नहीं बनाई गई है | उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि कश्मीरी खानों के मनों से खौफ निकाले ताकि जो प्लायन कर चुके मज़दूर है वह भी वापिस आ जाएं |
2020-05-30