सोलन शूलिनी माता का मेला पूर्ण रूप से स्वीकार हो गया है यह जानकारी शूलिनी पीठम मंदिर के पुजारी लक्ष्मी कांत ने मीडिया को दी | शूलिनी पीठम मंदिर में जहाँ माता शूलिनी मेले के दौरान अपनी बहन से मिलने पहुंची है वहां उनके स्वागत में देर रात तक धार्मिक अनुष्ठान चलता रहा वहीँ पंडित जी के माध्यम से माता ने इस मेले को स्वीकार करने की बात कही | आप को बता दें कि कोरोना कर्फ्यू के चलते इस बार सोलन शहर वासी इस मिलन के आलौकिक दृश्य को देख नहीं पाए क्योंकि मंदिर में शहर वासियों के प्रवेश पर प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगाय गया था | शहर वासी माता के दर्शन नहीं कर पाए इस बात का दुःख तो बहुत है लेकिन माता शूलिनी का मिलन उनकी बहन से हुआ इसको लेकर उनमें ख़ुशी भी देखी गई | शूलिनी पीठम मंदिर के पुजारी लक्ष्मी कांत ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू के चलते माता शूलिनी का मेला भव्यता के साथ आयोजित नहीं हो पाया लेकिन सभी शहर वासी माता की सूक्ष्म यात्रा से भी बेहद खुश हैं | उन्होंने बताया कि माता ने इस मेले को सम्पूर्ण रूप से स्वीकार कर लिया है | इस मेले को सफल बनाने के लिए वह शहर वासियों जिला प्रशासन का बहुत बहुत धन्यवाद करते है | मेले को स्वीकार करने का अर्थ है कि माता शूलिनी ने सोलन वासियों को आशीर्वाद दिया है जिसके चलते अब सोलन वासियों को कोई आपदा और विपदा छु भी नहीं पाएगी |
2020-06-21