हिमाचल किसान सभा के जिला अध्यक्ष प्यारे लाल वर्मा ने बताया कि स्थानीय मंडियों में आढ़तियों और व्यापारियों की मिलीभगत से किसानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है।
सब्जी मंडी सोलन में टमाटर के उचित दाम न मिलने से टमाटर की आवक भी घट गई है। किसानों ने बाहरी राज्यों की मंडियों को टमाटर भेजना शुरू कर दिया। इससे सब्जी मंडी में स्थानीय टमाटर की करीब 40 फीसदी तक आवक कम हो गई है
कंडाघाट, चायल, सोलन, बसाल, कोरो कैंथड़ी समेत जौणाजी क्षेत्र के किसान बाहरी राज्यों को सीधे टमाटर और शिमला मिर्च के क्रेट भेज रहे हैं। सोलन में टमाटर के 500 और बाहरी राज्यों में 700 से 800 रुपये प्रति क्रेट मिल रहा है। अब इससे मामले को लेकर हिमाचल किसान सभा भी उग्र हो गई है। उन्होंने आढ़तियों और व्यापारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया है।
इस साल टमाटर के मिल रहे दामों से किसान अपनी लागत भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं। चार-पांच दिन पहले ही सोलन में टमाटर का एक क्रेट 500 रुपये तक पहुंचा है। इससे पहले 150 से 200 रुपये तक दाम मिल रहे थे। वहीं बाहरी राज्यों में पहले 500 और अब 700 से 800 रुपये प्रति क्रेट बिक रहा है।
इसमें 100 रुपये का खर्च कटने के बाद भी किसानों को 600 से 700 रुपये की बचत हो रही है। सोलन में 300 रुपये तक ही एक क्रेट में मिल पा रहे हैं। अब जिले के अधिकतर किसानों ने सीधे सोनीपत, करनाल, अंबाला, चंडीगढ़ समेत दिल्ली की मंडियों को भेजना शुरू कर दिया है। यहां पर टमाटर समेत शिमला मिर्च के उचित दाम मिल रहे हैं।
उधर, हिमाचल किसान सभा के जिला अध्यक्ष प्यारे लाल वर्मा ने बताया कि स्थानीय मंडियों में आढ़तियों और व्यापारियों की मिलीभगत से किसानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस कारण किसान बाहरी राज्यों की मंडियों में सीधे अपना उत्पाद दे रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर जल्द सभा एक बैठक करेंगी। किसानों की समस्या का हल निकाला जाएगा।