-राइडर्स को सबसे सस्ती कीमत पर सबसे सुरक्षित हेलमेट देने का सफल प्रयास
नई दिल्ली, 19 अगस्त, 2022ः स्टीलबर्ड हाई-टेक इंडिया लिमिटेड, एशिया की सबसे बड़ी हेलमेट निर्माता ने, हिमाचल प्रदेश के बद्दी में एक नया अत्याधुनिक ईपीएस प्लांट स्थापित करने के लिए पूरी तरह तैयार है और इस पर जल्दी ही काम शुरू होगा।
कंपनी ने बद्दी में इस प्लांट के लिए नई जमीन का अधिग्रहण किया है और 2.2 एकड़ में फैली इस सुविधा में 25 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश करने की योजना है। यह प्लांट एक इन-हाउस एक्सपेंडेबल पॉलीस्टाइनिन (ईपीएस) उत्पादन लाइन की सुविधा प्रदान करेगी। ईपीएस एक क्रश करने योग्य फोम है जिसका उपयोग हेलमेट उत्पादन में किया जाता है।
नए प्लांट के उद्घाटन के मौके पर प्रतिक्रिया देते हुए, श्री कशिश कपूर, डायरेक्टर, स्टीलबर्ड हेलमेट्स, ने कहा कि “हमारा परिवार पीढ़ियों से हेलमेट्स के निर्माण में है। जैसा कि हम 1976 से हेलमेट बना रहे हैं, हम इस महत्व को समझते हैं कि ये हमारी सुरक्षा के लिए क्यों जरूरी हैं और ऐसे में इनको कैसे और बेहतर क्वालिटी वाले हेलमेट्स बनाया जा सकता है। विशेष रूप से जब हम भारत में वर्तमान परिदृश्य को देखते हैं, तो 2 फीसदी से भी कम निर्माता हेलमेट्स और उन्हें बनाने के सही तरीके के बारे में जानते हैं। वे निर्माता अक्सर निर्माण प्रक्रिया, तकनीकी फीचर्सं, सुरक्षा प्रोटोकॉल और योग्यता मानकों की अनदेखी करते हैं और काफी लो क्वालिटी हेलमेट्स तैयार करते हैं।
इसके अलावा, सभी ईपीएस उत्पादक पैकेजिंग उत्पादक हैं, कम्पोनेंट्स उत्पादक नहीं। लेकिन आइए समझते हैं कि ईएसपी एक सुरक्षा कम्पोनेंट है और सुरक्षा सुविधाओं और गुणवत्ता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही, उच्च गुणवत्ता के लिए, डबल डेंसिटी ईपीएस की आवश्यकता होती है। इस संबंध में, हम स्टीलबर्ड में, डबल डेंसिटी को इंजेक्ट करने का कौशल रखते हैं। हमारे हेलमेट में नौ आकार होते हैं, जहां ईपीएस का प्रत्येक आकार अलग होता है और प्रत्येक आकार में ईपीएस की डेंसिटी अलग होती है। इसलिए, इस ईपीएस प्लांट को स्थापित करने का विचार सवारों को सर्वाेत्तम सुरक्षा प्रदान करना है।
हम यह भी जानते हैं कि सरकार और मंत्रालय सड़क सुरक्षा की दिशा में काफी काम कर रहे हैं। सड़क सुरक्षा हमारे देश में एक बहुत ही महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन गई है क्योंकि सड़क हादसों में बहुत सारी मौतें हो रही हैं और सरकार मानव जीवन को बचाने के लिए बहुत प्रयास कर रही है। और यह कदम सरकार के जान बचाने के प्रयास के अनुरूप है।
स्टीलबर्ड, हाई-टेक्नोलॉजी को लेकर रिसर्च, डेवलपमेंट और निर्माण के लिए समर्पित और अपने राइडर्स की सुरक्षा चिंताओं को पूरा करने के लिए पहले ही इस दिशा में एक कदम उठा चुकी है। कंपनी ने मौजूदा प्लांट से सटी हुई 8836 वर्ग मीटर की नई जमीन खरीदी है।
बद्दी में इस नए प्लांट में कुल 60,000 वर्ग फुट का निर्मित क्षेत्र होगा और ये 2022 के अंत तक तैयार हो जाएगा। प्लांट की औसत उत्पादन क्षमता 22,000 ईपीएस प्रति दिन होगी। नई ईपीएस प्लांट सुविधाएं 150 से अधिक व्यक्तियों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार सुनिश्चित करेंगी। अत्यधिक ऑटोमेटेड प्लांट नवीनतम विनिर्माण प्रक्रियाओं के अनुसार उत्पादन करेगा।
इसके साथ ही कशिष कपूर ने बताया कि “यह नया प्लांट मेक इन इंडिया के प्रति हमारे समर्पण को प्रदर्शित करता है और दुनिया भर से कुछ बेहतरीन उत्पादन तकनीकों का उपयोग करके इंडस्ट्री लीडर्स के रूप में हमारी स्थिति की पुष्टि करती है। हमारा नया प्लांट हमारी उत्पादन क्षमता में वृद्धि करेगा, स्थानीय निवासियों के लिए नौकरी के अवसर खोलेगा और समग्र आर्थिक विकास के लिए योगदान देगा।“
हेलमेट जैसा उत्पाद कोई सरल और आसान उत्पाद नहीं है, बल्कि एक कठिन उत्पाद है। हेलमेट बनाने के लिए भारी निवेश की जरूरत है क्योंकि यह वॉल्यूम केंद्रित उत्पाद है। इसके अलावा, एक हेलमेट एक उच्च तकनीकी उत्पाद है, और ईपीएस शेल जैसा कुछ हेलमेट का दिल है।
श्री कशिश कपूर ने कहा कि “हेलमेट निर्माण एक अत्यंत जटिल प्रक्रिया है और एक हेलमेट को होमोलोगेट करने के लिए ईपीएस शेल में डेंसिटी सटीक होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि मानक सटीक हैं, हम प्रत्येक मानक के लिए 200-400 हेलमेट का परीक्षण करते हैं। इस प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए, स्टीलबर्ड होगा नए प्लांट में अपग्रेडेड मशीन यानी न्यू ड्यूल होपर का उपयोग करेगा। इस अंतरराष्ट्रीय मशीन का उपयोग ईपीएस को हेलमेट शेल के रूप में डालने के लिए किया जाता है, जो हेलमेट को डबल डेंसिटी देता है।“
ये महत्वपूर्ण है कि कंपनी ईपीएस इन-हाउस का निर्माण कर रही है, और इसके साथ ही वह दोपहिया सवारों को भारत में सबसे सुरक्षित हेलमेट देने की अपनी प्रतिबद्धता पर खरी उतरेगी, भले ही उसे अतिरिक्त लागत वहन करना पड़े।
नया अत्याधुनिक प्लांट नए अवसरों का लाभ उठाने में मदद करते हुए कंपनी को और आगे बढ़ने में सक्षम करेगा। इस नए प्लांट की शुरूआत कर, स्टीलबर्ड न केवल कंपनी के हेलमेट ऑफर्स को बेहतर करेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नवीनतम ईपीएस तकनीक के साथ अधिक एडवांस्ड और इनोवेटिव उत्पादों को लाने की अपनी प्रतिबद्धता को भी मजबूत करेगा।
इस नई सुविधा के साथ, स्टीलबर्ड के अब देश में आठ मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स हैं, जिनमें से चार नोएडा में और चार बद्दी में स्थित हैं। स्टीलबर्ड वर्तमान में प्रति दिन 20,000 हेलमेट का निर्माण कर रही है और 22 फीसदी सीएजीआर से बढ़ रही है। कंपनी दुनिया भर के 60 से अधिक देशों में अपने हेलमेट्स का निर्यात भी करती है।