गाजियाबाद: मीडिया 360 लिट्रेरी फाउंडेशन (Media 360 literary Foundation Katah Samwad) के “कथा संवाद” कार्यक्रम में रिंकल शर्मा की पुस्तक ‘प्रेमचंद मंच पर’ का लोकार्पण किया गया. प्रसिद्ध लेखक, समालोचक और पत्रकार प्रियदर्शन, कथाकार कात्यानी सिंह, प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट काक, साहित्यकार सुभाष चंदर और शिवराज सिंह ने ‘प्रेमचंद मंच पर’ का लोकार्पण किया.
रिंकल शर्मा ने ‘प्रेमचंद मंच पर’ में प्रेमचंद की कुछ कहानियों का नाट्य रूपांतरण किया है. इस पुस्तक को प्रेमचंद की कहानियों के साथ एक अनूठा प्रयोग बताते हुए प्रियदर्शन ने कहा कि भले ही प्रेमचंद ने बहुत कम नाटक लिखे हों, लेकिन वे
नाटकीयता से बखूबी परिचित थे.
साहित्य में मीडिया 360 लिट्रेरी फाउंडेशन के योगदान पर प्रियदर्शन ने कहा कि गाजियाबाद जैसे मशीनी शहर में “कथा संवाद” साहित्य की वाचिक परंपरा में आ रहे शून्य को भरने का काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि पुरातन काल में अलाव के आसपास के किस्सों ने जिस सभ्यता को जन्म दिया था, विज्ञान और विकास ने उसे परे धकेल दिया है. पूरे विश्व में मानवीय सरोकारों के विपरीत हिंसा अपने पांव पसार रही है. हमारा समाज भी पुरानी साहूकारी और महाजनी सभ्यता की ओर लौटता दिखाई दे रहा है. ऐसे में हमें प्रेमचंद को पुनः दोहराने की आवश्यकता है.
कथाकार सुभाष चंदर ने कहा था कि रिंकल ने कहानियों की आत्मा को जीवित रखते हुए मंचन की दृष्टि से इस तरह रूपांतरित किया है कि कोई भी निर्देशक इन कहानियों का आसानी से मंचन कर सकता है. मनु लक्ष्मी मिश्रा ने कहा कि कहानी और नाट्य रूपांतरण में एकरसता का बने रहना इस पुस्तक की उपलब्धि है.
नई कहानियों का पाठ
नेहरू नगर स्थित सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में आयोजित “कथा संवाद” कार्यक्रम में देश के अलग-अलग हिस्से जुटे साहित्यकारों ने कहानी पाठ किया. कहानी पाठ के बाद वहां उपस्थित साहित्यकारों ने कहानी पर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं. कहानियों में सुधार और संपदान की गुंजाइश पर चर्चा की.
“कथा संवाद” की शुरूआत सिनीवाली की कहानी “अतिथि” से हुई. यह कहानी घर में दो बच्चियों के साथ अकेली स्त्री के रात में एक बुजुर्ग अतिथि के आ जाने से उत्पन्न असहजता और आशंकाओं का बयान है. कहानी पर प्रतिक्रिया देते हुए लेखक कमलेश भट्ट कमल ने कहा कि एक स्त्री का शंकालु मन हमारी सामाजिक सुरक्षा के बोध का परिचायक है.
प्रसिद्ध लेखिका निर्देश निधि ने तकनीक में बदलती दुनिया के भविष्य की कहानी “शेष विहार” का पाठन किया. इसमें दुनिया के उस भविष्य का चित्र खिंचा गया है जहां धरती पर न तो पेड़-पौधे हैं और न ही कोई पशु-पक्षी. आदमी के लालच के चलते ओजोन परत खत्म हो चुकी है और जीवनदायनी सूरज की किरणें अब जीवन लेती हैं. एक ऐसी दुनिया है जहां संवेदनाएं नहीं हैं. आदमी चिप के सहारे जीता है और काम करता है.
“शेष विहार” कहानी को प्रियदर्शन ने विज्ञान की बेहतरीन फेंटेसी बताया. कमलेश भट्ट ने कहा कि पर्यावरण व पारिस्थितिकी की चिंता को यह कहानी वैश्विक स्तर पर उठाती है. युवा रचनाकार टेकचंद ने कहा कि ऐसी कहानियों को कोर्स में शामिल किया जाना चाहिए.
शकील अहमद ने अपनी कहानी “मदरसा” का पाठन किया.
युवा लेखिका निधि अग्रवाल की कहानी “होलोकास्ट” का पाठन किया. शकील अहमद ने अपनी कहानी “मदरसा” पर खूब तालियां बोटरीं. मनु लक्ष्मी मिश्रा, डॉ. बीना शर्मा और आलोक यात्री ने अपनी संभावित कहानियों के खाके प्रस्तुत किए.
“कथा संवाद” कार्यक्रम में कहानी पाठ करतीं मनु लक्ष्मी मिश्रा
प्रसिद्ध लेखिका कात्यायनी सिंह ने नवलेखन को प्रोत्साहन देने के लिए अपने स्वर्गीय पति की स्मृति में मासिक पुरस्कार प्रदान करने की पेशकश की. इस पुरस्कार के अंतर्गत हर महीने “कथा संवाद” में पढ़ी गई श्रेष्ठ कहानी को 11 सौ रुपये का “दीपक स्मृति कथा सम्मान” प्रदान किया जाएगा.
कात्यानी सिंह ने अपनी कहानी “पापा मुझे माफ कर दो” का पाठ किया. कहानी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रियदर्शन ने कहा कि यह कहानी वर्जनाओं से मुक्त है.
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प्रियदर्शन ने कहा कि “कथा संवाद” में सुनी गई अधिकांश कहानियां वैश्विक चिंता और हालात का बयान हैं. उन्होंने कहा कि आज सुनी गई तमाम कहानियां भाषा, कथ्य और शिल्प के स्तर पर बेहद मजबूत हैं. उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की उम्रदराज लोग यहां आकर जिंदगी की दूसरी पारी में कहानी लेखन के क्षेत्र में हाथ आजमा रहे हैं.
संचालक के तौर पर सुभाष चंदर ने कहा कि आज की कहानियों में शिल्प लगातार कमजोर होता जा रहा है. अधिकांश लेखक कथानक के विस्तार में जाने के बजाए कहानी को समाप्त करने की जल्दबाजी में रहते हैं.
इस अवसर पर रंगकर्मी अश्रयवरनाथ श्रीवास्तव, अनिल शर्मा, लेखक डॉ. अजय गोयल, अशोक मिश्रा, सुरेंद्र सिंघल, डॉ. रमेश कुमार मांझी, तेजवीर सिंह, सोनी नीलू झा ने भी विचार व्यक्त किए. राजेश श्रीवास्तव, वागीश शर्मा, तिलक राज अरोड़ा, सुशील कुमार शर्मा, कुलदीप, कमलेश त्रिवेदी फर्रुखाबादी, रवि शंकर पांडे, दिनेश पवन अरोड़ा, डॉ. राजेश कुमार भादुरी, देवेंद्र गर्ग, अभिषेक सिंघल, बीएल बत्रा ‘अमित्र’ सहित बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे.