India Pakistan Train Service : ट्रेन बंद होने से लोग अपने करीबियों से और दूर हो गए हैं जिनके बीच पहले से कांटे के तार मौजूद हैं। थार एक्सप्रेस पाकिस्तान के कराची को भारत के जोधपुर से जोड़ती है। 1965 की जंग में रेलवे ट्रैक के क्षतिग्रस्त होने की वजह से रेल सेवा बाधित हुई थी।
इस्लामाबाद : पाकिस्तानी नागरिक भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस को दोबारा शुरू करने की मांग कर रहे हैं। यह ट्रेन दोनों देशों के बीच 2019 में तनाव आ जाने के बाद तीन साल से बंद है। भारत और पाकिस्तान एक लंबी थल सीमा साझा करते हैं और बॉर्डर पर कंटीले तार दोनों देशों के लोगों को अलग करते हैं। लेकिन थार एक्सप्रेस रेलमार्ग से हिंदुस्तान-पाकिस्तान को जोड़ती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अटारी-वाघा बॉर्डर से होकर राजस्थान आए कुछ पाकिस्तानियों का कहना है कि थार एक्सप्रेस को दोबारा शुरू होना चाहिए।
एक रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में शामिल होने राजस्थान के बाड़मेर आए सात पाकिस्तानियों को अपनी यात्रा पूरी करने में तीन दिन लगे। उनका कहना है कि थार एक्सप्रेस एक बेहतर विकल्प था। उन्होंने कहा कि नए विकल्प में न सिर्फ वीजा होने के कारण अधिक समय लगता है बल्कि यह अधिक महंगा भी है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहने वाले कई परिवारों के रिश्तेदार भारत के राजस्थान में रहते हैं जिन्हें ट्रेन के बंद होने से अब मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
2019 में बंद हो गई थी रेल सेवा
ट्रेन बंद होने से लोग अपने करीबियों से और दूर हो गए हैं जिनके बीच पहले से कांटे के तार मौजूद हैं। थार एक्सप्रेस पाकिस्तान के कराची को भारत के जोधपुर से जोड़ती है। 1965 की जंग में रेलवे ट्रैक के क्षतिग्रस्त होने की वजह से रेल सेवा बाधित हुई थी। साल 2006 में 41 साल बाद यह सेवा बहाल हुई लेकिन 2019 में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव आने के चलते यह सेवा एक बार फिर बंद हो गई। दोनों देशों के बीच चलने वाली एक और ट्रेन समझौता एक्सप्रेस भी 2019 में बंद हो गई थी।
समझौता एक्सप्रेस भी बंद
साल 1971 में हुए बांग्लादेश युद्ध के परिणामों को देखते हुए ‘शिमला समझौता’ किया गया था। इस शांति की संधि में ‘समझौता एक्सप्रेस’ को शुरू करने का फैसला लिया गया था। दोनों देशों को जोड़कर रखने के लिए इस रेल यात्रा को शुरू किया गया था, जिस वजह से इस ट्रेन को ‘शांति का सन्देश’ भी कहते थे। शुरुआत में यह ट्रेन अमृतसर से लाहौर तक चलती थी। हालांकि, 80 के दशक के अंत में पंजाब में तनाव बढ़ने के बाद से भारतीय रेलवे ने अटारी से संचालन बंद कर दिया और फिर ये पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलने लगी थी।