सोलन.हिमाचल प्रदेश के सोलन में कालका-शिमला हाईवे पर बाईपास को जोड़ता ओवरपास का एक हिस्सा एक दम ढह गया. यह घटना उस समय हुई जब इस ओवर पास पर गाड़ियां चंडीगढ़ की और दौड़ रही थी. जहां से बाइपास का हिस्सा धंसने से गिर गया है, वहां एक दिन पहले ही जीआर कम्पनी ने मरम्मत की थी और बाद में हाईवे को गाड़ियों के लिए खोल दिया था.
अब सवाल उठ रहे हैं कि जीआर कम्पनी ने हाईवे की मरम्मत ठीक से नहीं की थी. शुक्रवार को एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राम आसरा खुरल ने मौके का मुआयना किया और जीआर कम्पनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही रिपोर्ट मांगी है.
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राम आसरा खुरल ने बताया कि जीआर कंपनी के अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के सख्त निर्देश दिए. यातायात और दुर्घटना भी ना हो, इसको लेकर नोटिस बोर्ड लगाने के लिए कहा गया है. इस कार्य में गुणवत्ता ठीक थी या नहीं यह भी जांच की जा रही है. कम्पनी के डिज़ाइनर और ज़ोलोजिस्ट मौके पर बुलाए गए हैं. उधर, जीआर कम्पनी के प्रोजेक्ट हेड बलविंदर सिंह ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि ओवरपास के समीप पानी का नाला है. उस से रिसाव हुआ और रोड़ बैठ गई है. लेकिन अब जल्द उसे ठीक किया जाएगा.
कंपनी कर रही लापरवाही
गौरतलब है कि जीआर कम्पनी की कई लापरवाहियां सामने आ रही हैं. राष्ट्रीय उच्च मार्ग के किनारों पर कई महीनों से पत्थर गिरे पड़े हैं. उन्हें उठाया नहीं जा रहा है. सड़क के किनारे बनीं नालियां जाम हो चुकी हैं, जिसकी वजह से पानी सड़कों पर आ रहा है. कम्पनी के अधिकारी अपनी आँखों पर पट्टी बाँध कर बड़ी घटना का इंतज़ार कर रहे हैं. यह हालत परवाणु से लेकर सोलन तक देखी जा सकती है.
परवाणू से सोलन के बीच 749 करोड़ खर्च
पिंजौर बाइपास से शिमला तक इस नेशनल हाईवे का काम तीन चरणों में चल रहा है. पहले चरण में परवाणू से सोलन तक 38 किलोमीटर लंबा हाईवे बनाने पर लगभग 749 करोड़ रुपए खर्च किए गए. यह हिस्सा बनकर तैयार हो चुका है. दूसरे चरण में इस समय सोलन से कैंथलीघाट तक काम चल रहा है और इस पर 598 करोड़ रुपए की लागत आएगी. तीसरे और अंतिम चरण में कैंथलीघाट से शिमला में ढली तक सड़क को फोरलेन किया जाना है. तीसरे चरण के दोबारा टेंडर किए जा चुके हैं. इस पर लगभग 3900 करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित है.