मंडी. मंडी जिले के गोहर उपमंडल की ग्राम पंचायत चैल चौक के सलोई गांव निवासी महेंद्र कुमार को पेड़ से घास काटते समय एक ऐसा अंडा मिला जो पत्थर कि तरह कठोर है. पहले तो महेंद्र सिंह ने इसे आम पक्षी का अंडा समझा. लेकिन जब अंडे को पेड़ से गिराया तो यह टूटा तक नहीं. यह देखकर महेंद्र कुमार चकित रह गए और सारी धटना अपने घर व ग्रामीणों को बताई.
इस अंडे के बारे में मीडिया कर्मियों को पता चला तो वे भी महेंद्र कुमार के घर पहुंचे. महेंद्र कुमार ने बताया कि वे परेशान हैं कि यह अंडा आखिर किस पक्षी का है और यहां कैसे आया. ऐसा क्षेत्र में पहली बार हुआ है कि अंडा पत्थर के जैसे कठोर बन चुका है और पांच फीट ऊपर से गिराने पर भी टूट नहीं रहा है.
महेंद्र कुमार ने बताया कि वह 3 दिन पहले भी पशुओं के लिए सहतुत का घास काटने पेड़ पर चढ़ा था. इसी दौरान उसे पेड़ों की टहनियों के बीचोबीच एक सफेद रंग का अंडा दिखाई दिया. महेंद्र ने बताया कि इस अंडे का किसी पक्षी का समझकर वह पेड़ से नीचे उतर गया. वहीं, जब शनिवार सुबह फिर से वह उसी पेड़ से घास काटने गया तो इस बार उसने अंडे को अपने हाथ में लिया.
अंडे को हाथ में लेते ही वह चकित रह गया, क्योंकि इस अंडे का वजन आम अंडों की मार्फत ज्यादा था, जिसे देखकर वह हैरान रह गया. और अंडे को डर के मारे अपने हाथों से नीचे गिरा दिया. हैरानी की बात तो तब हुई जब अंडा खेत में गिरा तो वह टूटा तक नहीं. इस अंडे का आकार मुर्गी के अंडे जितना है, मगर वह आम अंडे से थोड़ा छोटा मगर बजन में 86 ग्राम वजनी है.
बाद में इसकी सूचना महेंद्र कुमार ने वैटनरी विभाग गोहर को दी और अंडे को लेकर स्वयं उपमंडलीय पशु चिकित्सालय गोहर पहुंचे. गोहर में तैनात डॉ. नंद किशोर ने गहनता से अंडे की जांच कर बताया कि यह अंडा किसी भी बड़े पक्षी का हो सकता है. उनके संज्ञान में ऐसा पहला मामला आया है जिसे देखकर वे भी हैरान हैं. अंडे को जब तेज रोशनी में जब जांचा गया तो उसमें से रोशनी क्रॉस होने से पाया गया है कि यह अंडा किसी पक्षी का है. इसकी सही जांच के लिए अंडे को वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को भेजा गया है. जांच के बाद ही इसके बारे में कुछ कहा जा सकता है. फिलहाल यह अंडा किसी सामान्य पक्षी का नहीं लगता है.