हिमाचल में चार उपचुनाव हारने के बाद, एक जुट हो कर भाजपा कार्यकर्ताओं ने उत्तराखंड में दिलाई जीत आज हुए सम्मानित
हिमाचल में चार उपचुनाव हारने के बाद , उत्तराखंड चुनावों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जीतने के लिए जी जान लगाया और वहां जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। वहां सभी ने संगठित हो कर कार्य किया और जीत भी हासिल की। जिसके चलते इन कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए सोलन में विशेष सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में संगठन मंत्री पवन राणा बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। वहीँ प्रदेश अध्यक्ष सुरेश भारद्वाज , और खादी बोर्ड के चेयरमैन पुरुषोत्तम गुलेरिया विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में शिमला विधानसभा क्षेत्र से आए कार्यकर्ताओं ने इस समारोह में भाग लिया और विजय पाने के लिए उन्होंने कैसा संघर्ष किया इस बारे में अपने विचार साझा किए। वहीँ उन्होंने उत्तराखंड में भाजपा की कैसी कार्यप्रणाली है इस बारे में भी विस्तार से चर्चा की।
अधिक जानकारी देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश भारद्वाज ने बताया कि दो माह तक हिमाचल के भाजपा कार्यकर्ता उत्तराखंड में चुनावों के दौरान अपनी सेवाएं दी। उन्होंने कहा कि उन्हें ख़ुशी है कि वहां भाजपा ने शानदार जीत हासिल की है। वहीँ पंजाब को छोड़ कर अन्य सभी राज्यों में भाजपा ने अपना परचम फहराया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में चुनावों के दौरान सेवाएं दे रहे भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए विशेष सम्मान समाहरोह आयोजित किया गया है। जिसमें उन्हें आभार जताया जा रहा है कि उनके द्वारा बेहतरीन सेवाएं उत्तराखंड में दी गई है।
हिमाचल में चार उपचुनाव थे जिसमें से सोलन की नगर निगम भी शामिल थी। नगर निगम में जीत हासिल करने के लिए मंत्री और वरिष्ठ कार्यकर्ता दिन रात सोलन में लगे रहे लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए। लेकिन यही कार्यकर्ता और नेता जब उत्तराखंड गए तो विजय का सेहरा बाँध कर हिमाचल पहुंचे जिसके चलते आज उनके लिए सम्मान समारोह आयोजित किया गया। लगता है। सोलन के चुनावों में ऐसा प्रतीत होता है कि गुटबाजी हावी रही जिसकी वजह से हार का सामना भी करना पड़ा। आज के कार्यक्रम में भी यह गुट बाजी देखने को मिली जिसमें एक विशेष गुट को आमंत्रित नहीं किया गया तो। सूत्रों की माने तो उन्हें इस कार्यक्रम जिसमें प्रदेश अध्यक्ष और संगठन मंत्री शामिल होने थे उसमें आमंत्रित तक नहीं किया गया था। ऐसे में आने वाले चुनाव कैसे जीतेंगे इस बारे में पार्टी को आंकलन करने की आवश्यकता है। मजे की बात यह है कि संगठन मंत्री पवन राणा को बंगाल और पंजाब में भी जीत दिलाने के लिए भेजा गया था। दोनों में से एक राज्य में भी भाजपा जीत हासिल नहीं कर पाई है।