प्रदेश में 34 निजी नर्सिंग संस्थान नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इन संस्थानों ने न तो पंजीकरण कराया है और न ही शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात सही है।
हिमाचल प्रदेश में 34 निजी नर्सिंग संस्थान नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इन संस्थानों ने न तो पंजीकरण कराया है और न ही शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात सही है। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने प्रदेश सरकार को रिपोर्ट भेजकर इन संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की वकालत की है। आयोग ने निजी नर्सिंग संस्थानों को आगामी तीन माह के भीतर खामियों को दूर करने के लिए नोटिस भी जारी किए हैं। आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि आयोग की ओर से गठित टीम ने कई माह तक विस्तृत जांच के बाद रिपोर्ट तैयार की है। इसमें कई तरह की खामियां पाई गई हैं।
प्रदेश में वर्तमान में 48 निजी नर्सिंग संस्थान हैं। 34 संस्थान निर्धारित नियमों को पूरा नहीं करते हैं। इन संस्थानों ने नर्सिंग काउंसिल से पंजीकरण नहीं कराया है। पंजीकरण नहीं होने के चलते कई संस्थानों में कार्यरत शिक्षक हिमाचल के अलावा पड़ोसी राज्यों के संस्थानों में भी सेवाएं दे रहे हैं। नर्सिंग काउंसिल के पास शिक्षकों का रिकॉर्ड तक नहीं दिया गया है। शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात के अनुसार शिक्षकों की संस्थानों में नियुक्ति नहीं हुई है। कई संस्थानों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं। सरकार के नियमानुसार हिमाचली मूल के 80 फीसदी लोगों को इन संस्थानों में रोजगार तक नहीं दिया जा रहा है। शिक्षकों को निर्धारित वेतन भी नहीं मिल रहा है। बहुत कम वेतन पर शिक्षकों को नियुक्त किया गया है। निजी नर्सिंग संस्थानों ने विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार अस्पतालों में उपलब्ध बेड संख्या के हिसाब से करार नहीं किए हैं। इन पांच बिंदुओं के आधार पर खामियां निकालते हुए आयोग ने जांच रिपोर्ट तैयार की है।