शिमला. हिमाचल में मॉनसून ने भारी तबाही मचाई है. 29 जून से लेकर अब तक इस मॉनसून सीजन में 249 लोगों की जान गई है, 444 घायल हुए हैं और 10 लोग अभी भी लापता हैं. प्रदेश को अब तक 1337 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. 29 पक्के और 494 कच्चे घर जमीदोंज हुए हैं. साथ ही 494 कच्चे और 93 पक्के मकानों को आंशिक नुकसान हुआ है. 176 मवेशी भी मॉनसून की भेंट चढ़ चुके हैं. हालांकि, मौतों में सड़क हादसे भी शामिल हैं और आधे से अधिक मौतें सड़क हादसों में ही हुई हैं.
राज्य सरकार इस नुकसान की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेगी और राहत की मांग की जाएगी. इस बाबत कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि इस बार अप्रत्याशित बरसात हुई है लेकिन कुछ जगहों पर सूखे जैसी स्थिति है. उन्होंने कहा कि नुकसान की रिपोर्ट केंद्र को भेजी जाएगी. साथ ही कहा कि प्रदेश में मौसम में भी बदल रहा है, राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई कदम उठाए हैं.
तीन दिन में सबसे ज्यादा कहर
हिमाचल में 18 से 20 अगस्त तक मॉनसून ने सबसे अधिक तबाही मचाई है. इन 3 दिनों में 22 से अधिक लोगों की जान गई है, जबकि 200 करोड़ से अधिक का नुकसान प्रदेश ने झेला है. आलम यह है कि इस दौरान हुई बारिश का असर अब तक देखने को मिल रहा है. इसी के चलते प्रदेश में अब भी एक हाईवे समेत 118 सड़कें बंद हैं. कुल्लू में 40, चंबा में 35, मंडी में 22, शिमला में 12 सड़कें बंद हैं. फिलहाल, प्रदेशभर में 111 ट्रांसफार्मर ठप, 85 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं. लगातार बारिश से सूबे में जनजीवन ठहर गया है. साथ ही परिवहन सेवाओं पर भी खासा असर पड़ा है.