शिमला. हिमाचल प्रदेश में पशुओं में फैल रही लंपी बीमारी को महामारी घोषित किया गया है. इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है. पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने राज्य में लंपी रोग से पशुओं की हो रही मृत्यु को देखते हुए महामारी घोषित करने की घोषणा की और कहा कि पशुपालकों को मुआवजा भी प्रदान किया जाएगा. इस बीमारी से शिमला सहित प्रदेश भर में हड़कंप मच गया है.
बता दें कि गुजरात मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा समेत अन्य राज्यों में दहशत मचाने के बाद हिमाचल में भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है. हिमाचल में ‘लंपी संक्रमण के, 1000 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि 51 पशुओं की मौत हो चुकी है. इस वायरस के फैलने से पशुओं को 105 से 107 डिग्री सेल्सियस तेज बुखार हो सकता है. इसके अतिरक्ति पशुओं के शरीर में निशान बनते हैं और बाद में निशान घाव बन जाते हैं.
दरअसल, ‘लंपी’ वायरस एक तरह का त्वचा रोग है, जो मच्छरों, मक्खियों, जुंओं आदि की वजह से फैलता है. मवेशियों में एक दूसरे के संपर्क में आने ये बीमारी जानवरों में फैल सकती है. ये बीमारी जानलेवा है। यही वजह है की इससे जानवर की मौत हो रही है.
सूबे के 5 जिले बार्डर एरिया में आते हैं और चम्बा, सिरमौर, शिमला, सोलन और ऊना में ज्यादा मामले सामने आए हैं. पशुओं को वैक्सीन दी जा रही है और साथ बाहरी राज्यों से लाये जाने वाले मवेशियों पर रोक लगा दी गई है. पंजाब व हरियाणा में लंपी त्वचा रोग पिछले लंबे समय से फैला हुआ है. माना जा रहा है कि इन्हीं राज्यों ये रोग मवेशियों के साथ हिमाचल में प्रवेश कर गया. पड़ोसी जिलों में पंजाब, हरियाणा से भी पशुओं की खरीद फरोख्त के अलावा उन्हें लाते-लेजाते हैं। इसको लेकर सरकार ने अधिसूचना जारी कर उपायुक्तों को भेज दी है. संक्रमित पाए जाने वाले मवेशी को दूसरे मवेशियों से अलग रखने के निर्देश दिए गए हैं.