हिमाचल में 16,703 फीट ऊंचे शिंकुला दर्रे से होकर पहली बार दौड़ेगी एचआरटीसी बस

केलांग डिपो ने शिंकुला दर्रा होकर पदुम तक निर्माणाधीन दारचा-पदुम-कारगिल सड़क पर 24 सीटर बस का सफल ट्रायल किया है। अंतरराज्यीय बस सेवा होने के कारण लद्दाख और लाहौल स्पीति प्रशासन के बीच औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है।

शिंकुला दर्रे से होकर पहली बार दौड़ेगी एचआरटीसी बस

समुद्रतल से 16,703 फीट ऊंचे मनाली-शिंकुला-पदुम-कारगिल सामरिक मार्ग पर पहली बार हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बस सेवा शुरू होने जा रही है।  केलांग डिपो ने शिंकुला दर्रा होकर पदुम तक निर्माणाधीन दारचा-पदुम-कारगिल सड़क पर 24 सीटर बस का सफल ट्रायल किया है। अंतरराज्यीय बस सेवा होने के कारण लद्दाख और लाहौल स्पीति प्रशासन के बीच औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि केलांग-पदुम के बीच इसी साल यह बस सेवा शुरू हो जाएगी।

शिंकुला दर्रा होकर बस सेवा शुरू होने से जांस्कर के लोगों को अब वाया लेह और कारगिल 815 किलोमीटर के बजाय महज 180 किलोमीटर का सफर करना पड़ेगा। लोगों को पदुम तक पहुंचने के लिए पहले केलांग से लेह बस से 365 किलोमीटर का सफर करना पड़ता है। लेह से दूसरी बस में 250 किलोमीटर दूर कारगिल पहुंचते हैं। वहां से 200 किलोमीटर दूर पदुम के लिए निकलते हैं। अब इस रूट के शुरू होने से केलांग से पदुम तक महज 180 किलोमीटर का सफर रह जाएगा। इससे सैलानियों और आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। एचआरटीसी केलांग डिपो के आरएम अंशित ने बताया कि बस का ट्रायल सफल रहा है। औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है। इसी साल केलांग-पदुम के बीच बस सेवा शुरू होने की उम्मीद है।
पर्यटन कारोबार को होगा फायदा
शिंकुला दर्रा होकर बस सेवा शुरू होने से कारगिल जिला की जांस्कर घाटी में भी लेह की तर्ज पर पर्यटन कारोबार में इजाफा होगा। जांस्कर के साथ ही कारगिल के लोग भी अब आसानी से हिमाचल का रुख कर सकेेंगे। शिंकुला दर्रा से वाहनों की आवाजाही होने से कारगिल और जांस्कर के लोगों के हिमाचल के साथ व्यापारिक रिश्ते भी मजबूत होंगे। जिला पर्यटन अधिकारी एवं एसडीएम केलांग प्रिया नागटा ने कहा कि जांस्कर में पर्यटन बढ़ने से इसका फायदा लाहौल को भी मिलेगा।