प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से प्रधान सचिव शिक्षा को एक प्रस्ताव भेजा गया है। इसके तहत एसएमसी शिक्षकों को अनुबंध पर लाने की सिफारिश की गई है।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 2,555 एसएमसी शिक्षकों को अनुबंध पर लाने की तैयारी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देशों पर शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव बनाने का काम शुरू कर दिया है। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री शिक्षकों के पक्ष में इस बड़ी घोषणा को कर सकते हैं।
गुरुवार मुख्यमंत्री ने सचिवालय में मिलने पहुंचे एसएमसी शिक्षकों को आश्वासन देते हुए कहा था कि सरकार जल्द ही इन शिक्षकों के लिए पक्का समाधान करेगी। ऐसी नीति बनाई जाएगी, जिसमें कोई कानूनी अड़चन न आए। इसी कड़ी में प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से प्रधान सचिव शिक्षा को शुक्रवार को एक प्रस्ताव भेजा गया है।
इसके तहत एसएमसी शिक्षकों को अनुबंध पर लाने की सिफारिश की गई है। वर्तमान में एसएमसी शिक्षकों और अनुबंध पर नियुक्त अन्य शिक्षकों के वेतन में पद वार 7,800 से लेकर 10,822 रुपये का अंतर है। निदेशालय ने प्रस्ताव में स्पष्ट किया है कि एसएमसी शिक्षक एनसीटी के नियमों और भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को पूरा करते हैं। सरकार चाहे तो इन शिक्षकों को अनुबंध पर रख सकती है। सरकारी स्कूलों में एसएमसी के माध्यम से पीजीटी, डीपीई, टीजीटी, सीएंडवी और जेबीटी शिक्षक नियुक्त हैं।
आउटसोर्स कर्मियों के लिए बोर्ड-निगम बनाने का प्रस्ताव
प्रदेश सरकार अब निगम या बोर्ड बनाकर प्रदेश के सरकारी विभागों में आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। राज्य सरकार पड़ोसी राज्य हरियाणा सहित देश के अन्य राज्यों में आउटसोर्स नियुक्तियों का मॉडल अपनाना चाह रही है। वर्तमान में प्रदेश सरकार कंपनियों के माध्यम से आउटसोर्स पर नियुक्तियां कर रही है।
शिक्षक श्रेणी एसएमसी के तहत वेतन अनुबंध पर लाने के बाद वेतन
पीजीटी 14978 रुपये 25800 रुपये
डीपीई 14978 रुपये 22860 रुपये
टीजीटी 14978 रुपये 22860 रुपये
सीएंडवी 11609 रुपये 21360 रुपये
जेबीटी 9362 रुपये 17820 रुपये