पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) हाल ही में न्यूज18 इंडिया द्वारा आयोजित बेहद खास कार्यक्रम में ‘अमृत रत्न सम्मान’ (Amrit Ratna Samman) में पहुंचे, जहां उन्हें इस सम्मान से नवाजा गया. यहां उन्होंने अपने बारे में वो बातें बताईं, जिनके बारे में शायद ही कोई जानता होगा. आज आपको बताते हैं. ‘कालीन भैया’ के बारे में वो बातें, जिसके बारे में शायद ही आप जानते होंगे.
‘कालीन भैया’ यानी पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) बॉलीवुड इंडस्ट्री को वो नाम, जो अपनी मंद मुस्कान के साथ पर्दे पर आते हैं और लोगों का दिल ले जाते हैं. बिहार के गंगा के इस पार के छोरे ने इंडस्ट्री में वो नाम किया कि अब तो लोगों ने उन्होंने ओटीटी किंग कहना शुरू कर दिया. अभिनेता बनने का सपना लिए पंकज त्रिपाठी बिहार से पहले दिल्ली और फिर दिल्ली से मुंबई पहुंचे.
पंकज त्रिपाठी हाल ही में न्यूज18 इंडिया द्वारा आयोजित बेहद खास कार्यक्रम में ‘अमृत रत्न सम्मान’ (Amrit Ratna Samman) में पहुंचे, जहां उन्हें इस सम्मान से नवाजा गया. यहां उन्होंने अपने बारे में वो बातें बताईं, जिनके बारे में शायद ही कोई जानता होगा. आज आपको बताते हैं. ‘कालीन भैया’ के बारे में वो बातें, जिसके बारे में शायद ही आप जानते होंगे.
पंकज त्रिपाठी ने गांव से एक्टिंग की शुरुआत की. गांव के नाटको में वह भाग लिया करते थे. यहीं से उन्हें अपने इस हुनर की पहचान हुई. लेकिन इसके लिए उन्हें पापड़ बहुत बेलने पड़े.
‘कालीन भैया’ अपना इमरान खान से बहुत प्रभावित थे. उनकी अदाकारी के वह दीवाने थे और मनोज बाजपेयी को वह अपनी प्रेरणा मानते हैं.
पंकज त्रिपाठी के पिता जी चाहते थे कि बेटा बड़ा डॉक्टर बने. इसके लिए उन्होंने दो बार परीक्षा भी दी, लेकिन सफल नहीं हुए.विज्ञापन
कॉलेज लाइफ में वह राजनीति कर चुके हैं, लेकिन जानते हैं उन्होंने क्यों राजनीति से किनारा किया? पंकज त्रिपाठी ने बताया कि राजनीति में मजा नहीं आया, इसलिए छोड़ दी.
क्या आप जानते हैं उन्होंने शेफ का काम भी किया है. पंकज त्रिपाठी ने बताया कि मेडिकल में दो बार फेल होने के बाद एक्टर के चाचा ने कहा कि तुम होटल मैनेजमेंट की तैयारी कर लो, जापान में इंडियन कुक की बहुत सैलरी है. दो साल की ट्रेनिंग की फिर मौर्या होटल में नौकरी करने लगा और एक दिन होटल में मनोज बाजपेयी से मुलाकात हुई उनकी सेवा की और उन्हें देखकर लगा बस हो गया. बस फिर वो नौकरी भी छोड़ दी
पंकज त्रिपाठी ने अपने पूरे जीवन में ज्यादा फिल्में नहीं देखी हैं. उन्होंने बताया कि मैंने पूरे जीवन में 50-60 फिल्में देखी हैं. बचपन में मिथुन चक्रवर्ती और संजय दत्त की फिल्में देखी हैं. उन्होंने 10वीं तक कोई फिल्म नहीं देखी थी.
दिल्ली में जब वह आए थे तो वह शादीशुदा थे और पत्नी के साथ दिल्ली के गीता कॉलोनी में रहते थे. दिल्ली में 7-8 महीने गुजारने के बाद वह मुंबई गए, जहां पहले 1 महीने वह अपने दोस्त के घर पर रहे.
पहली फिल्म पंकज त्रिपाठी तब मिली थी जब वह सोए हुए थे ‘अमृत रत्न सम्मान’के दौरान उन्होंने कहा कि फिल्म ‘रन’ में एक छोटे से रोल के लिए किसी ने मेरे बारे में बताया और मैं घर पर सो रहा था, तभी वे लोग इस फिल्म का ऑफर लेकर मेरे पास आए, तो पहली फिल्म के लिए मुझे कोई मेहनत नहीं करनी पड़ी. लेकिन फिर दौड़ने के बाद भी फिल्में नहीं मिली.
फेवरेट एक्ट्रेसेस की बात पर उन्होंने बताया कि माधुरी दीक्षित की अदाकारी को वह बहुत पसंद करते थे. उन्होंने बताया कि क्योंकि उन्होंने कृति सेनन और जाह्नवी कपूर के साथ काम किया है, वो दोनों बहुत मेहनती हैं. लेकिन मैं ये नहीं कहूंगा कि मैं उनका फैन हूं.
आज पंकज त्रिपाठी जिस भी मुकाम पर हैं, उसके पीछे के स्ट्रगल और मेहनत की कहानी बेहद लंबी है. पंकज त्रिपाठी इंडस्ट्री के वह स्टार हैं, जो स्टारडम के बावजूद हमेशा ही जमीन से जुड़े रहे. उनके स्ट्रगल की कहानी किसी भी इंसान को पॉजिटिविटी से भर सकती है.