एडम स्कूल में अपने 11 वीं के पाठ्यक्रमों का अध्ययन करना जारी रखेंगे
दुबई. दुनिया के किसी भी देश में आमतौर पर स्टूडेंट्स को 18 साल की उम्र के बाद ही यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिलता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे छात्र के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें महज 12 साल की उम्र में यूनिवर्सिटी में दाखिला मिल गया. नाम है एडम अल रैफी. उन्हें दुबई के वोलोंगोंग विश्वविद्यालय में एडमिशन मिला है. वो संयुक्त अरब अमीरात के किसी भी विश्वविद्यालय में सबसे कम उम्र के छात्र हैं.
दुबई के द नेशनल न्यूज़ के मुताबिक जुमेराह इंग्लिश स्पीकिंग स्कूल में अपनी पढ़ाई खत्म करते हुए वो विश्वविद्यालय में मीडिया कोर्स का अध्ययन करेंगे. बता दें कि एडम जब चार साल के थे तभी से उन्होंने प्राथमिक और माध्यमिक दोनों स्कूलों में पढ़ाई करनी शुरू की. अपने से 6 साल बड़े बच्चों के साथ वो एडवांस फिजिक्स, केमेस्ट्री और जीव विज्ञान का अध्ययन कर रहे हैं.
एक साथ दो जगह पढ़ाई
एडम स्कूल में अपने 11 वीं के पाठ्यक्रमों का अध्ययन करना जारी रखेंगे और सप्ताह का एक दिन विश्वविद्यालय में बिताएंगे. उन्होंने कहा, ‘मुझे स्वीकार करने और इतना स्वागत करने के लिए वोलोंगोंग विश्वविद्यालय को शुक्रिया. मैंने बहुत सारे नए दोस्त बनाए जो मुझे लगता है कि जीवन भर वास्तव में फायदेमंद होंगे. ये कुल मिलाकर आश्चर्यजनक था.’
इन विषयों में है दिलचस्पी
एडम की शिक्षा सुधार जैसे विषयों में खासी दिलचस्पी है. उनका मानना है कि लोगों का मूल्यांकन उनकी क्षमता पर किया जाना चाहिए, न कि उनकी उम्र पर. दुनिया में सबसे कम उम्र के TEDx वक्ताओं में में उनकी गिनती की जाती है. दिसंबर में, उन्हें एक ऑस्ट्रेलियाई संगठन फ्यूचर माइंड्स नेटवर्क द्वारा दुनिया के शीर्ष 25 युवा पायनियर और इनोवेटर्स में से में नामित किया गया था.
लगातार बढ़ रहे हैं आगे
एडम की मां सोहा एल हाफवी ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय, ज्ञान और मानव विकास प्राधिकरण, वोलोंगोंग विश्वविद्यालय और जुमेराह इंग्लिश स्पीकिंग स्कूल ने उन्हें विश्वविद्यालय में लाने के लिए मिलकर काम किया. जब एडम दुबई में एक्सपो 2020 में अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के एक पैनल में वक्ता थे, तो उन्होंने यूएई के पूर्व शिक्षा मंत्री हुसैन अल हम्मादी के साथ मंच साझा किया.