हिमाचल प्रदेश के विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी जी (Shri Naina Devi Ji) मंदिर का गुंबद स्वर्ण जड़ित हो गया है। तकरीबन 16 करोड़ की लागत से सोमवार को ये कार्य मुकम्मल कर लिया गया है। विधि विधान के मुताबिक पूजा-अर्चना, यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद कार्य पूर्ण किया गया।
तकरीबन तीन महीने में कार्य पूरा हुआ है। स्वर्ण कार्य पूरा होने के बाद गुंबद के आसपास ‘लाइट’ व्यवस्था का कार्य किया जाएगा। इसके बाद तो मां के भवन का नजारा दूर-दूर से ही अदभुत नजर आएगा। चूंकि गुंबद स्वर्ण जड़ित (Gold Plated) हो गया है, लिहाजा इसकी चमक दूर-दूर से श्रद्धालुओं को खूब भा रही है।
स्थानीय पुजारी राकेश गौतम के मुताबिक गुजरात व राजस्थान के कारीगरों ने निस्वार्थ भाव से बेहतरीन कार्य किया है। इसके लिए कारीगरों ने दिन-रात मेहनत की है। तांबे पर बखूबी सोना चढ़ाया गया है। उनका कहना था कि समाजसेवी संस्थाओं द्वारा माता के दरबार में विकास कार्य किया जाता है। उसी में ये एक बड़ा कार्य है, जो विधिवत पूरा किया गया है।
गौरतलब है कि इस कार्य के लिए दिल्ली के एक श्रद्धालु ने 16 करोड़ का गुप्तदान दिया था। इस कार्य में शुद्ध 5 किलो 500 ग्राम सोने का इस्तेमाल किया गया है, जबकि 596 किलो तांबा इस्तेमाल हुआ। ये भी दावा किया गया है कि हिमाचल का पहला शक्तिपीठ बना है, जिसमें गर्भगृह, बाहरी क्षेत्र व गुंबद पर सोना जड़ा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि गर्भगृह में भी तांबे पर 3 किलो सोने की परत चढी हुई है। ये सोना लुधियाना की एक संस्था द्वारा भेंट किया गया था। गर्भगृह में मौजूद 19 किलो 500 ग्राम चांदी का छत्र रोपड़ की संस्था ने दान किया था।
हालांकि, प्राचीन मंदिर की गुंबद पर सोने की परत को चढ़ाने का कार्य महीनों से किया जा रहा था, लेकिन चंद रोज पहले ही इससे जुड़ी जानकारी सामने आई थी। उधर ये भी बताया गया कि विशेष कारीगर ही इस कार्य को मूर्त रूप प्रदान कर सकते थे।