काबिलियत और हुनर के लिए उम्र महज एक नंबर है. इसे सच कर दिखाया कोच्चि के 13 वर्षीय उदयशंकर ने. इस उम्र में उदय एक स्टार्टअप के चीफ टेक्नोलॉजी अफसर (CTO) हैं.
छात्रों को आसान तरीके से पढ़ाता है उदय का स्टार्ट-अप
उदयशंकर नालंदा पब्लिक स्कूल, थम्मनम के कक्षा आठ के छात्र हैं. उन्होंने साल 2020 में अपने पिता के सहयोग से एक स्टार्टअप, उरव एडवांस्ड लर्निंग सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की. वो छात्रों के लिए साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, आर्ट्स और मैथ (STEAM) के क्लास दिलवाते हैं. इस स्टार्टअप का मकसद है बच्चों को आसान तरीके से पढ़ाना.
इस काम में उनके पिता डॉक्टर रवि कुमार और मां श्रीकुमारी उनकी मदद कर रही हैं. उदय शंकर के पिता एक डेंटिस्ट हैं, जबकि मां इंजीनियर हैं. मिली जानकारी के अनुसार, उदय ने इस काम की शुरुआत सात साल की उम्र से ही कर दी थी. जब छुट्टियों के दौरान उनकी मां ने उन्हें बिजी रखने के लिए खेल और रोबोटिक्स में से एक सिलेक्ट करने को कहा तो उदयशंकर ने रोबोटिक्स सिलेक्ट किया और सीखने लगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उदय को हमेशा से टेक्नोलॉजी में काफी दिलचस्पी थी. वह खेल और उपयोगी उपकरणों को बनाने वाले वीडियोज देखकर काफी प्रभावित हुए. उन्होंने भी रोबोट विकसित करने का फैसला किया. ताकि वो समाज की भलाई के लिए कुछ काम कर सकें. इसी के साथ उदय ने शिक्षा नीति को बेहतर तरीके से समझा और उसे दूसरों तक पहुंचाने का संकल्प लिया.
उदय का ‘यूराल्स टेक्नोलॉजीज’ नाम से एक यूट्यूब चैनल भी है. वह बच्चों को एजुकेशनल किट्स असेम्बल करने के लिए ऑनलाइन कोडिंग क्लास लेते हैं. उदय एक सर्टीफाइड पायथन प्रोग्रामर हैं, उन्होंने 13 साल की उम्र में पीएसपी का एग्जाम पास कर लिया. वो खेती, कोरोनावायरस और डेंटल ट्रीटमेंट पर भी गेम तैयार कर चुके हैं.