महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक दूरदराज के गांव का लड़का प्रणव रमेश सालकर आस-पास के गांव में हीरो बन गया है. पड़ोस के गांवों के साथ प्रणव के दोस्त और परिवार के सदस्य भी कुएं को देखने आ रहे हैं.
पानी के लिए मां की जद्दोजहद को देखकर एक लड़के ने जो किया वो उसकी उम्र से कहीं ज्यादा है. उसने अपने घर के पास में ही मां के लिए एक कुआं खोदना शुरू किया. सुबह से लेकर रात तक वह इस काम में लगा रहा. कुछ समय के लिए ही ब्रेक लेता था. लड़के के अथक प्रयास के बाद चार दिन के भीतर कुएं में पानी आ गया.
मां को परेशान होता देख कुआं खोदने की ठानी
मुंबई से 120 किलोमीटर दूर पालघर के गांव केल्वे में पानी की उचित व्यवस्था नहीं है. उस गांव में पानी के लिए एक नदी ही एक मात्र जरिया है. गांव की दूसरी महिलाओं के साथ प्रणव की मां भी पास की नदी में पानी लाने के लिए जाती थी. गर्मियों में उनकी मुश्किलें और भी बढ़ गई थीं. प्रणव उसे रोज सुबह पानी के लिए इतनी दूर जाते देख परेशान हो गया.
ऐसे में झोपड़ पट्टी में रहने वाले प्रणव ने मां की समस्या को हल करने के लिए झोपड़ी के बगल में एक कुआं खोदने का फैसला किया. उन्होंने अकेले ही इसकी खुदाई शुरू की. उनके पिता ने भी उनका कुछ साथ दिया. चार दिन प्रणव ने वो कर दिखाया जिसकी खूब सराहना हो रही है.
प्रणव की मां दर्शाना ने बताया कि वह लंच के लिए मात्र पंद्रह मिनट का ब्रेक लेता था. प्रणव बहुत खुश है कि उसने कुएं में पानी लाकर अम्मा की परेशानी को खत्म करने का काम किया है. प्रणव के माता-पिता मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं.
ANI के मुताबिक, प्रणव की मां दर्शना कहती हैं, ‘जहां तक पानी की बात है, अब राहत है.’ प्रणव के पिता विनायक कहते हैं, ‘मैंने केवल खुदाई की प्रक्रिया के दौरान पत्थरों को हटाने में बेटे की मदद की, मैंने और कुछ नहीं किया.’
स्थानीय आदर्श विद्या मंदिर में इस समय 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले प्रणव अपने काम से सेलिब्रेटी बन गए हैं. प्रणव ने बताया कि उनके स्कूल के टीचर भी कुआं देखने के लिए उनके घर आए थे. प्रणव के दोस्तों ने एक बोर्ड बनाया और उसकी अग्निपरीक्षा का वर्णन करने के लिए उसे कुएं के किनारे खड़ा कर दिया है. इसके अलावा पंचायत समिति भी प्रणव की मदद के लिए आगे आई है.
वहीं प्रणव का कहना है कि मुझे खुशी है कि अब मां को हर दिन पानी के लिए नदी के पास नहीं जाना पड़ेगा. मां घरेलू जरूरतों के लिए पास की नदी से रोजाना पानी लाती थीं. उन्हें परेशान होता देख मुझे कुआं खोदने की प्रेरणा मिली, हालांकि इससे पहले प्रणव ने बाइक की बैटरी की मदद से अपने घर में लाइट लगाई थी.