15 स्टेट, 96 जगहों पर रेड और 100 से अधिक अरेस्ट; NIA एक्शन के खिलाफ PFI का आज केरल बंद

नई दिल्ली: टेरर फंडिंग से जुड़े आरोपों की वजह से जांच का सामना कर रहे पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर अब तक का बड़ा एक्शन देखने को मिला है. टेरर फंडिंग मामले में एनआईए और ईडी ने मिलकर 15 राज्यों में 96 जगहों पर छापेमारी की और कई राज्यों के पीएफआई प्रमुख समेत 100 से अधिक सदस्यों को गिरफ्तार किया गया. पीएफआई के खिलाफ एक्शन को जांच अधिकारियों ने अब तक की सबसे बड़ी जांच प्रक्रिया करार दिया. इन छापों के बाद पीएफआई पर प्रतिबंध की संभावना है. हालांकि, एनआईए के एक्शन को लेकर पीएफआई ने केरल में आज यानी शुक्रवार को बंद बुलाया है.

केरल में आज बंद का ऐलान
दरअसल, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने एनआईए की अगुवाई में कई एजेंसियों की ओर से उसके कार्यालयों, नेताओं के घरों और अन्य परिसरों में छापेमारी के विरोध में आज यानी 23 सितंबर को केरल में हड़ताल का आह्वान किया है. पीएफआई ने केरल में शुक्रवार सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक 12 घंटे के हड़ताल की घोषणा की है. केरल बंद के ऐलान के मद्देनजर पुलिस ने भी सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त कर ली है. एनआईए यानी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने कहा कि टेरर फंडिंग और कई हिंसक कृत्यों में कथित संलिप्तता के लिए पीएफआई, उसके नेताओं और सदस्यों के खिलाफ पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में आपराधिक मामले दर्ज किए गए.

पीएफआई पर क्या-क्या आरोप हैं
बता दें कि अधिकारियों ने कहा कि यह संगठन कथित ‘लव जिहाद’ की घटनाओं, जबरन धर्म परिवर्तन, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शनों में अपनी भूमिका, मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, धन शोधन एवं प्रतिबंधित समूहों से संपर्क को लेकर विभिन्न एजेंसियों की निगाह में था. अधिकारियों ने कहा कि पीएफआई द्वारा कथित रूप से समय-समय पर किए गए आपराधिक और हिंसक कृत्यों में केरल में एक कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काटना, अन्य धर्मों को मानने वाले संगठनों से जुड़े लोगों की निर्मम हत्याएं, विस्फोटकों का संग्रह, प्रमुख लोगों और स्थानों को निशाना बनाना, इस्लामिक स्टेट को समर्थन और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से नागरिकों के मन में आतंकवाद का एक प्रभाव पड़ा है.

झारखंड कर चुका है बैन
अधिकारियों के मुताबिक, एनआईए ने पीएफआई के खिलाफ पहले की गई जांच के तहत 45 लोगों को दोषी ठहराया है. इन मामलों के संबंध में कुल 355 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है. पिछले साल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा था कि केंद्र सरकार पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया में है, जिसे पहले ही झारखंड सहित कई राज्यों में अवैध घोषित किया जा चुका है. मेहता ने यह भी कहा था कि पीएफआई के कई पदाधिकारी स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़े पाए गए हैं, जो पहले से ही एक प्रतिबंधित संगठन है. पीएफआई को कथित तौर पर खाड़ी देशों में स्थित अपने हमदर्दों, ज्यादातर भारतीय, से धन प्राप्त होता है.

कहां कितने पीएफआई सदस्य गिरफ्तार हुए
जांच अधिकारी की मानें तो देश भर में लगभग एक साथ छापेमारी में एनआईए के नेतृत्व में कई एजेंसियों के संयुक्त अभियान ने गुरुवार को देश में आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए पीएफआई के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया. सबसे अधिक गिरफ्तारी केरल में हुआ, जहां 22 लोगों को पकड़ा गया. इसके बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक (20-20), तमिलनाडु में 10, असम में नौ, उत्तर प्रदेश में आठ, आंध्र प्रदेश में पांच, मध्य प्रदेश में चार, पुडुचेरी और दिल्ली में तीन-तीन और राजस्थान में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया.

कब हुई थी पीएफआई की स्थापना
पीएफआई की स्थापना 2006 में हुई थी और अब इसकी केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम और मणिपुर सहित दो दर्जन से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कईं शाखाएं हैं. गौरतलब है कि कई सुरक्षा एजेंसियों ने पीएफआई की जड़ें नेशनल डेवलेपमेंट फ्रंट (एनडीएफ) में होने की बात कही है, जो एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है, जिसे बाबरी मस्जिद के विध्वंस के परिणामस्वरूप एक साल बाद 1993 में बनाया गया था