पुरानी यादें हो गईं ताजा
खंडवा के डॉक्टर दंपत्ति डॉक्टर शिव शंकर गुर्जर और डॉक्टर प्रीति गुर्जर ने भी साथ फेरे लिए। उन्होंने कहा कि हमें ये पल हमेशा याद रहेगा। अपनी यादों को ताजा करने का मौका मिला। वापस से शादी कर अच्छा लगा। साथ ही पुरानी यादें फिर से ताजा हो गईं। इस बार हमारे परिवार के लोग भी शादी के गवाह बने हैं।
घोड़ी चढ़कर आए शादी करने
वहीं, इस शादी समारोह में सबकुछ विधिवत तरीके से हो रहा था। रिटायर्ड इंजीनियर विनोद गंगवाल और अन्य दूल्हे घोड़ी पर चढ़कर शादी रचाने आए। रिटायर्ड डिप्टी रेंजर महेश राठौर भी 62 वर्ष की उम्र में दूल्हा बने। राठौर की कमर में दर्द था। वे नीचे बैठ नहीं पा रहे थे इसलिए टेबल-कुर्सी पर ही विवाह की रस्में पूरी की। दंपती ने कहा कि भले ही कमर में दर्द हो लेकिन हमारे हौसले को ये दर्द भी रोक नहीं सकता।
25 साल बाद फिर से लिए सात फेरे
एलआईसी के विकास अधिकारी मनीष शुक्ला और पत्नी शिवा शुक्ला ने भी शादी रचाई है। दोनों ने वही कपड़े पहने, जिसे पहनकर 25 साल पहले शादी रचाई थी। बारात में बुजुर्गों और उनके दोस्तों ने जमकर डांस करते हुए फूलों की बारिश की। शादी समारोह में वृद्ध दंपतियों के चहरे भी खिल उठे थे। दंपतियों ने एक से बढ़कर एक शादी के जोड़े पहने थे।
खुशियों से भर गई बुजुर्गों की जिंदगी
वहीं, इस तरह के आयोजन से बुजुर्गों की जिंदगी खुशियों से भर गई है। खंडवा के नवकार नगर स्थित गार्डन में बुजुर्गों की शादी देखने बड़ी संख्या में परिवार के बाहर के लोग भी पहुंचे थे। आयोजकों ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य गृहस्थ जीवन में बढ़ रही दूरियां चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समाज का पतन इतना हो गया है कि माता-पिता, दादा-दादी का बंटवारा होने लगा है। परिवार में नित्य लड़ाई-झगड़े, मन मुटाव, ईष्या-द्वेष, पक्षपात दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं। इन्हीं को देखते हुए ऐसा आयोजन किया गया।
झूमते दिखे परिवार के लोग
बुजुर्गों की शादी में उनके परिवार के लोगों ने भी साथ दिया है। परिवार के लोग बाराती बनकर आए थे। घोड़ी सवार दूल्हों के साथ नाचते गाते उनके परिवार के लोग चल रहे थे। बुजुर्गों के चेहरे पर उनकी खुशियां देखते बन रही थीं।