हिमाचल में पिछले कई वर्षों से जल शक्ति विभाग में 1571 पार्ट टाइम वर्कर (आउटसोर्स) आधार पर लगाए थे, जिन को मौजूदा सुखविंदर सिंह सरकार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जिसको लेकर पार्ट टाइम वर्कर लगातार सरकार से नौकरी बहाली की मांग कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने आज शिमला में धरना दिया। उन्होंने मांग की कि जल शक्ति विभाग में इनकी सेवाओं को सरकार बहाल करें। साथ ही इनके लिए कोई स्थायी नीति बनाने की मांग की।
जल शक्ति विभाग में लगे पार्ट टाइम वर्कर यूनियन के अध्यक्ष राजेश शर्मा का कहना है कि पांच से लेकर 12 साल तक प्रदेश में पार्ट टाइम वर्कर आउट सोर्स पर सेवाएं दे रहे हैं। जिनको तीन हज़ार से लेकर 3500 रुपये प्रतिमाह मिलते हैं। लेकिन 30 दिसंबर 2022 को कंपनी का टेंडर खत्म हो गया। बावजूद इसके विभाग ने 3 महीने तक सेवाएं ली गई। उसके बाद काम पर आने से मना कर दिया।
समस्त कर्मचारियों ने कोरोना जैसी महामारी में भी अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया। बावजूद इसके अब सरकार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कर्मचारियों ने सरकार से मांग की है कि उनको किसी नीति के तहत काम पर रखे और उनको सात से आठ हज़ार तक मानदेय दिया जाए। ऐसा न हो की सभी बेरोजगार युवाओं को एक साथी की तरह आत्महत्या को मजबूर होना पड़े।