अमरनाथ हादसे में अब तक 16 की मौत, 40 लापता, हेल्पलाइन नंबर जारी

श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से आई आकस्मिक बाढ़ में कई लोग बह गए. मलबे में दबने से अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 40 यात्री लापता हैं. इस हादसे में 65 लोग घायल हुए हैं. आंकड़ा बढ़ सकता है. हेल्पलाइन नंबर- एनडीआरएफ: 011-23438252 011-23438253 कश्मीर संभागीय हेल्पलाइन: 0194-2496240 श्राइन बोर्ड हेल्पलाइन: 0194-2313149 जारी किए गए हैं. हालांकि, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि यह घटना बादल फटने की वजह से नहीं हुई है.

एसएफ कश्मीर मुख्यालय से शवों को पुलिस मुख्यालय ले जाया जा रहा

अमरनाथ हादसा: श्रीनगर में बीएसएफ कश्मीर मुख्यालय से शवों को पुलिस मुख्यालय ले जाया जा रहा है. घटनास्थल से अब तक 16 शव निकाले जा चुके हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.

उत्तराखंड के लोगों को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं: सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के लोग भी (अमरनाथ के बादल फटने से प्रभावित इलाकों) में फंसे हुए हैं, हम उन्हें बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. मैं केंद्रीय गृह मंत्री और एलजी (मनोज सिन्हा) से भी अनुरोध करूंगा कि उन्हें बचाने के लिए हर संभव व्यवस्था करें.

जम्मू-कश्मीर में बचाव अभियान जारी

अमरनाथ गुफा से नीचे की ओर बहने वाली स्ट्रीम में सर्च ऑपरेशन जारी है

अमरनाथ, जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान जारी है. एनडीआरएफ, सेना, आईटीबीपी के जवान अमरनाथ गुफा से नीचे की ओर बहने वाली स्ट्रीम में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. अचानक आई बाढ़ में कई लोगों के बहने की संभावना है.

भारतीय सेना ने परिष्कृत बचाव उपकरणों और प्रशिक्षित पेशेवरों को हादसे वाली साइट पर भेजा

भारतीय सेना के चिनार कोर ने बताया कि परिष्कृत बचाव उपकरणों और प्रशिक्षित पेशेवरों को हादसे वाली साइट पर भेजा जा रहा है. बादल फटने से प्रभावित बालटाल, जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना और अन्य का बचाव अभियान जारी.

अमरनाथ हादसे में अब तक 17 लोगों की मौत, 29 लोगों को बचाया गया, जिनमें से 9 गंभीर रूप से घायल

सूत्रों ने सीएनएन-न्यूज 18 को बताया कि अमरनाथ हादसे में अब तक 17 लोगों की मौत हो गई है. इस बीच, घायल लोगों को वायुसेना के हेलिकॉप्टरों से इलाज के लिए भेजा जा रहा है. इंडियन एयरफोर्स के एक अधिकारी ने बताया कि 29 लोगों को बचाया गया, जिनमें से 9 गंभीर रूप से घायल हैं. बादल फटने से प्रभावित इलाकों के पास लगातार मलबा साफ किया जा रहा है और लापता लोगों की तलाश जारी है.

9 शवों को हेलिकॉप्टर से ले जाया गया है

BSF MI-17 हेलिकॉप्टर द्वारा 9 शवों को नील गढ़ से श्रीनगर ले जाया गया है: BSF

अमरनाथ यात्रा हादसाः हेलिकॉप्टरों के जरिये जारी है बचाव कार्य

भारतीय वायु सेना ने अमरनाथ गुफा स्थल में बचाव कार्यों के लिए श्रीनगर से 2-2 एएलएच ध्रुव और एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं. साथ ही एक AN-32 और Ilyushin-76 परिवहन विमान आगे की आवश्यकताओं के लिए चंडीगढ़ में स्टैंडबाय पर हैः IAF अधिकारी

यात्रा के लिए हेल्पलाइन स्थापित की

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा के लिए हेल्पलाइन स्थापित की है। पवित्र गुफा के पास बादल फटने से 16 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लोग लापता हैं जिसके बाद यात्रा स्थगित कर दी गई है. सरकार के जनसंपर्क विभाग और श्राइन बोर्ड ने ट्वीट किया, “अमरनाथ यात्रा के लिए हेल्पलाइन नंबर: एनडीआरएफ: 011-23438252, 011-23438253, कश्मीर डिविजनल हेल्पलाइन: 0194-2496240, श्राइन बोर्ड हेल्पलाइन: 0194-2313149.’

सोनिया-राहुल ने अमरनाथ गुफा के करीब बादल फटने से श्रद्धालुओं की मौत पर दुख जताया

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एवं वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने दक्षिण कश्मीर हिमालय में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना में कई श्रद्धालुओं की मौत पर दुख जताया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. सोनिया गांधी ने एक बयान में कहा, ‘‘ जम्मू कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के समीप बादल फटने की घटना के कारण हुई कई श्रद्धालुओं की त्रासदपूर्ण मौत की खबर से बहुत दुखी हूं. मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करती हूं.’’

अमरनाथ में श्रद्धालुओं की मौत पर झारखंड के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने शोक जताया

जम्मू कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के निकट बादल फटने की घटना में श्रद्धालुओं की मृत्यु होने पर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को गहरा शोक प्रकट किया और शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की.

जम्मू कश्मीर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर के पास बचाव अभियान रात भर जारी रहा और सेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा छह तीर्थयात्रियों को वहां से निकाला गया. यह जानकारी अधिकारियों ने शनिवार को दी. दक्षिण कश्मीर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से आयी आकस्मिक बाढ़ के कारण कई लोग बह गये एवं कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई.

फंसे हुए 15,000 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने के कारण अचानक आयी बाढ़ के चलते फंसे कम से कम 15,000 तीर्थयात्रियों को यहां निचले आधार शिविर पंजतरणी स्थानांतरित कर दिया गया है. आईटीबीपी के प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी.

अमरनाथ गुफा के निकट बादल फटने की घटना में बाल-बाल बचे तेलंगाना के भाजपा विधायक राजा सिंहतेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह दक्षिण कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में बाल-बाल बच गए. इस घटना में 13 लोगों की मौत हो गई. हेलीकॉप्टर से अमरनाथ पहुंचे राजा सिंह और उनके परिवार के सदस्यों ने मौसम बिगड़ने से पहले पहाड़ियों से उतरने के लिए खच्चरों का इस्तेमाल करने का फैसला किया.

भारतीय वायुसेना के चॉपर से घायलों को अस्पताल ले जाया जा रहा हैअमरनाथ गुफा स्थल से घायल तीर्थयात्रियों को भारतीय वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर में आगे के इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है. खराब मौसम के कारण लद्दाख सेक्टर से घाटी में हेलिकॉप्टरों को लाने में मुश्किल हो रही है. भारतीय वायुसेना अधिकारी ने जानकारी दी है.

चिनार कोर कमांडर घटनास्थल पर पहुंचेबादल फटने की घटना के बाद शनिवार को चिनार कोर कमांडर ने जगह का निरीक्षण किया. चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से प्रभावित इलाकों में पहुंचे हुए हैं, जहां बचाव अभियान जारी है.

अब तक 16 श्रद्धालुओं की मौत, 40 लोग लापता हैं: NDRF डीजी

एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवल ने कहा कि करीब 70 बचावकर्मी लगे हुए थे. चौथी टीम हमने शेषनाथ से रवाना की थी, अब करीब सौ बचावकर्मी शामिल हैं. सेना, आईटीबीपी और अन्य के साथ मिलकर बचाव कार्य चल रहा है. अब तक 16 श्रद्धालुओं की मौत की जानकारी हमको मिल रही है करीब 40 लोग मिसिंग हैं. पानी का बहाव कम है, लेकिन तेज है. हमारी टीम उसके लिए हमेशा तैयार रहती है

आईएमडी हर साल, अमरनाथ यात्रा के लिए मौसम को लेकर एक विशेष सलाह जारी करता है. शुक्रवार को आईएमडी ने येलो अलर्ट (मतलब नजर रखें) जारी किया था. अमरनाथ यात्रा वेबसाइट पर शाम 4.07 बजे तक के मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक पहलगाम और बालटाल दोनों तरफ के मार्गों के लिए ‘आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ बहुत हल्की बारिश’ की संभावना जताई गई थी, साथ में कोई चेतावनी नहीं थी. पवित्र गुफा में स्वचालित मौसम केंद्र (एडब्ल्यूएस) के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 8:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक बारिश नहीं हुई.

शुक्रवार शाम 4:30 से 5:30 बजे के बीच सिर्फ 3 मिमी बारिश हुई
आईएमडी के एक वैज्ञानिक ने कहा, शुक्रवार शाम 4:30 से 5:30 बजे के बीच सिर्फ 3 मिमी बारिश हुई थी. हालांकि, शाम 5:30 बजे से शाम 6:30 बजे के बीच 28 मिमी बारिश हुई. आईएमडी के मानदंड के अनुसार, यदि 1 घंटे में 100 मिमी या उससे अधिक वर्षा होती है तो इसे बादल फटना कहा जाता है. फिर आखिर हुआ क्या? प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, गुफा के प्रवेश द्वारा से मुश्किल से 200-300 मीटर की दूरी पर दो पहाड़ियों के बीच पानी की तेज धार अपने साथ मलबे लेकर नीचे की ओर आती दिखाई पड़ी. स्पष्ट रूप से, यह पवित्र गुफा के पीछे तेज वर्षा का परिणाम था.

अमरनाथ में बादल फटने से हुआ हादसा या कुछ और है कारण?
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में मौसम की देखभाल करने वाले सेंटर के प्रमुख सोनम लोटस ने कहा, ‘यह केवल पवित्र गुफा के ऊपर एक अत्यधिक स्थानीयकृत बादल था. इस साल की शुरुआत में भी ऐसी बारिश हुई थी. यह एक फ्लैश फ्लड नहीं थी.’ लोटस ने यह भी पुष्टि की कि, संभावना है कि गुफा की तुलना में अधिक ऊंचाई पर अत्यधिक वर्षा हुई थी. सेवानिवृत्त मौसम विज्ञानी और आईएमडी के पूर्व उत्तर भारत प्रमुख, आनंद कुमार शर्मा ने समझाया, ‘वर्षा एक अत्यधिक परिवर्तनशील पैरामीटर है, और यह विशेष रूप से अजीबोगरीब ऑरोग्राफी वाले पहाड़ों के लिए सच है. साथ ही, यात्रा मानसून के चरम मौसम में होती है. बारिश गुफा के सामने नहीं हो सकती है, लेकिन उसके ऊपर कहीं हो सकती है, जिसका असर नीचे की ओर होगा.’