नई दिल्ली. भारत में साइबर क्राइम (Cyber Crime) और ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड (Financial Fraud) बढ़ता जा रहा है. दूर-दराज के इलाकों में बैठे ठग अब लोगों को ऑनलाइन शिकार बना रहे हैं और लाखों रुपयों का चूना लगा रहे हैं. हाल ही में एक मामला दिल्ली एम्स (Delhi Aiims) के जूनियन रेजिडेंट डॉक्टर के साथ सामने आया है. जिसमें क्रेडिट कार्ड (Credit Card) की लिमिट बढ़ाने के लिए आई एक कॉल के बाद डॉक्टर के खाते से 2 लाख रुपये उड़ गए. इतना ही नहीं इस दौरान न तो कोई ओटीपी (OTP) मांगा गया और न ही कोई अन्य जानकारी मांगी गई.
इस बारे में रेजिडेंट डॉक्टर ने दिल्ली स्थित साकेत के साइबर पुलिस सेल में शिकायत भी दी है. साथ ही एक्सिस बैंक को भी संबंधित घटना की जानकारी देते हुए एप्लिकेशन दी है. पुलिस को दी गई शिकायत में डॉक्टर ने बताया कि उन्हें एक्सिस बैंक के कस्टमर केयर नंबर आईवीआर पोर्टल 9650611697 से एक कॉल आई. जिसमें उसने क्रेडिट कार्ड की लिमिट (Credit Card shopping Limit) बढ़वाने का ऑफर दिया. क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़वाने का मामला इसलिए भी संदिग्ध नहीं लगा क्योंकि कुछ महीने पहले ही इसी प्रोसेस से उन्होंने अपने कार्ड की लिमिट को बढ़वाया था. लिहाजा कॉलर की बातों को मान लिया.
डॉ. ने बताया कि उसने क्रेडिट कार्ड संबंधी कोई भी डिटेल उसके साथ शेयर न करने की बात कही और एक्सिस बैंक (Axis Bank) फोन बैंकिंग एप पर जाकर खरीदारी की लिमिट बढ़ाने की बात कही. इसके बाद उसने हेल्पक्रेडिट कार्ड डॉट इन वेबसाइट खोलने और डिटेल्स भरने के लिए कहा. पिछली बार की तरह ही प्रोसेस को आगे बढ़ाने पर इसमें क्रेडिट कार्ड की जानकारी भरने के बाद फोन पर एक ओटीपी आया और कॉलर ने कहा कि अगले 24 घंटे में क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ जाएगी. जैसे ही कॉलर ने फोन काटा, तभी एक मैसेज और ईमेल आया कि मोहम्मद इबरार इंटीरियर के नाम क्रेडिट कार्ड से 2 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन हो गया है. डॉ. ने कहा कि जैसे ही यह मैसेज आया तो उन्होंने तुरंत इस फ्रॉड ट्रांजेक्शन की जानकारी एक्सिस बैंक और क्रेडिट कार्ड डिविजन को दी और क्रेडिट कार्ड को ब्लॉक कराया. साथ ही इसकी शिकायत बैंक में देने के साथ ही दिल्ली पुलिस को भी दी.
इस बारे में दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम एडवाइजर और इंडियन साइबर आर्मी के चेयरमैन किसलय चौधरी का कहना है कि जैसा दिल्ली एम्स के डॉक्टर के साथ हुआ, ऐसे मामले रोजाना आ रहे हैं. सिर्फ डेविट कार्ड से ही नहीं बल्कि क्रेडिट कार्ड से भी फ्रॉड्यूलेंट ट्रांजेक्शन के केस आ रहे हैं. पिछले हफ्ते में ही करीब 35 मामले इसी प्रकार ऑनलाइन ठगी के सामने आए हैं जिसमें बैंक अकाउंट से पैसे निकालने के साथ ही क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन कर लिया गया.
बिना ओटीपी और सीवीवी नंबर के भी हो रहे फ्रॉड
किसलय कहते हैं कि आजकल कुछ ऐसी वेबसाइट्स हैं, जिनमें खासतौर पर विदेशी वेबसाइट्स हैं, जहां क्रेडिट या डेविट कार्ड की बेसिक डिटेल्स डालने पर भी फ्रॉड हो रहा है. इसके लिए ओटीपी या सीवीवी की भी जरूरत नहीं होती. दिल्ली एम्स वाला मामला भी कुछ कुछ ऐसा ही है. चौधरी कहते हैं कि इस तरह के मामलों में बहुत सावधान होने की जरूरत है. बैंक के नियमों की जानकारी भी जरूरी है. साथ ही फोन बैंकिंग के इस्तेमाल में भी एहतियात बरतनी होगी.