अस्पताल में डिलीवरी के समय बदल गये 2 नवजात, DNA टेस्ट से होगा फैसला, लड़का किसका और लड़की किसकी

जयपुर. राजधानी जयपुर के महिला चिकित्सालय में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा दो नवजात बच्चे (Newborn baby) और उनके परिजन उठा रहे हैं. अस्पताल में एक दिन में दो महिलाओं की हुई डिलीवरी के बाद बच्चों को लेकर कन्फ्यूजन हो गया कि कौन सा बच्चा किसका है. इनमें एक लड़का है और एक लड़की. एक सप्ताह से दोनों बच्चों को लेकर संशय बरकरार है. फिलहाल दोनों मासूमों की केयर अस्पताल प्रशासन की ओर से की जा रही है. अब इस मामले के समाधान के लिये डीएनए टेस्ट (DNA Test) कराया जायेगा. इसके लिये गुरुवार को नवजात बच्चों और उनके माता-पिता के सेम्पल लिये गये हैं. उसकी रिपोर्ट आने के बाद साफ हो पायेगा कि लड़का किसका है और लड़की किसकी.

दरअसल जयपुर के महिला चिकित्सालय में बीते 1 सितंबर को दो अलग-अलग महिलाओं ने दो बच्चों को जन्म दिया था. दोनों की डिलीवरी एक ही लेबर रूम में एक ही समय में हुई थी. इनमें एक के लड़का हुआ और दूसरी के लड़की. अस्पताल प्रशासन के अनुसार डिलीवरी के समय बच्चों के टैग लगाने में गफलत हो गई थी. इससे यह कन्फ्यूजन हो गया कि कौन सा बच्चा किस महिला का है. इसका विवाद बढ़ने पर बच्चों और दोनों प्रसतुओं के ब्लड टेस्ट कराए गए.

एक प्रसूता के पहले से दो बेटियां हैं
अस्पताल प्रशासन के मुताबिक इस गफलत की पूरी जानकारी दोनों बच्चों के परिजनों को दी गई थी. लेकिन ब्लड टेस्ट की जांच से वे संतुष्ट नहीं हुये. अब इस विवाद को खत्म करने और परिजनों की संतुष्टि के लिये डीएनए टेस्ट कराया जायेगा. डीएनए टेस्ट के लिये दोनों नवजात बच्चों और उनके माता-पिता के सेम्पल ले लिये गये हैं. इस मामले में बेटे की चाहत का पहलू भी सामने आया है. इनमें से एक प्रसूता के पहले से ही दो बेटियां हैं. इस बात को एक सप्ताह बीत चुका है. लेकिन अभी तक मामला सुलझ नहीं पाया है. इसके चलते दोनों नवजात अभी अपनी-अपनी मां से अलग अस्पताल प्रशासन की देखरेख में हैं.दोनों बच्चों के परिजन पूरी तरह से संतुष्टि चाहते हैं
अब डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पायेगा कि कौन सा बच्चा किसका है. अस्पताल स्टाफ की इस गलती का खामियाजा भुगत रहे दोनों बच्चों के परिवार बेहद खफा हैं. लेकिन संशय ऐसा हो गया है कि वे हर तरीके से पूरी तरह से संतुष्टि चाहते हैं. फिलहाल दोनों बच्चों को अस्पताल के मिल्क बैंक से ही दूध पिलया जा रहा है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इस प्रकार की गफलत दुबारा ना हो इसके लिए मैकेनिज्म तैयार किया जा रहा है.