हर कोई जीवन में सफल होना चाहता है, लेकिन परिस्थितियों का मुकाबला करने के लिए सही वक़्त पर सही निर्णय लेने की क्षमता हर किसी में नहीं होती। और तो और परिस्थितियों के हिसाब से जोख़िम उठाने की ताकत भी हर कोई में नहीं होती। हालांकि जीवन में ऐसी परिस्थितियों का जो डटकर मुकाबला करते, वही इतिहास के पन्नों पर अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिख पाते। हमारी आज की कहानी एक ऐसे ही सफल व्यक्ति को लेकर है जिन्होंने जिंदगी में कुछ बड़ा करने के उद्देश्य से जोख़िम उठाया और आज दूसरों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। एक पिज्जा डिलीवरी बॉय से करोड़ों रुपये का साम्राज्य स्थापित करने वाले सुनील वशिष्ट की कहानी अपने आप में अद्वितीय है।
दिल्ली के एक बेहद ही गरीब परिवार में जन्मे सुनील ने किसी तरह अपनी उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रमाणपत्र (SSC) की परीक्षा पूरी की। उनके पिता एक यांत्रिक मजदूर थे और पाँच के परिवार में एकमात्र कमाने वाले सदस्य। परिवार की दयनीय आर्थिक स्थिति ने सुनील को जीवन-यापन करने के लिए नौकरी करने को विवश कर दिया। एसएससी के तुरंत बाद उन्होंने प्रति दिन 200 रुपये की कमाई वाले काम शुरू कर दिए। दो जून की रोटी के लिए उन्होंने कई छोटे-मोटे काम किये। अंत में, साल 1998 में उन्होंने पिज्जा डिलीवरी बॉय के रूप में डोमिनोज पिज्जा से जुड़ गए। उन्होंने दिल्ली में डोमिनोज पिज्जा के आउटलेट में से एक के साथ लंबे समय तक काम किया और उनका सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला कर्मचारी बन गया। उनके लगातार बेहतरीन प्रदर्शन से आउटलेट्स के मालिक बेहद प्रसन्न थे, लेकिन वहाँ काम करने वाले अन्य लोगों को उनसे ईर्ष्या होती थी। कुछ वर्षों तक यहाँ काम के बाद साल 2003 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी।
दूसरी नौकरी ढूंढने की बजाय सुनील ने अपने बचत के कुछ पैसों से दिल्ली में सड़क के किनारे एक छोटे से भोजनालय की शुरुआत की। अधिकारियों द्वारा लगातार बाधा डालने के कारण उनका यह पहला व्यावसायिक प्रयोग विफल रहा। भोजनालयों को चलाने के चार वर्षों में, उन्होंने कुछ भी कमाई नहीं की, लेकिन बहुत सारे अनुभव जुटाए। 2007 में, सुनील ने कुछ बेहतर करने का फैसला किया। आसपास के क्षेत्रों में शोध करने के दौरान उन्होंने पाया कि वहाँ एक केक की दुकान की सख्त आवश्यकता है। कुछ बचत और मित्र से 58,000 रुपये के ऋण की मदद से उन्होंने फ्लाइंग केक्स के बैनर तले अपने सपने की नींव रखी।
फ्लाइंग केक्स पहले की सड़क के किनारे भोजनालय की तुलना में सुनील के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना थी, लेकिन कम मार्जिन होने की वजह से व्यवसाय बेहद चुनौतीपूर्ण था। फिर भी, समय के बारे में एकमात्र निश्चितता यह है कि यह बदलता है। और इसी सोच के साथ, सुनील ने अपने संघर्ष को जारी रखा। एक दिन पास स्थित HCL में कार्यरत एक महिला ने अपने बेटे के जन्मदिन हेतु ऑर्डर करने के लिए फ्लाइंग केक का दौरा किया। महिला एचसीएल के व्यवस्थापक विभाग की प्रमुख थी – सुनील द्वारा बेक्ड केक की गुणवत्ता ने उन्हें प्रभावित किया, और फ्लाइंग केक ने जल्द ही उनसे कॉर्पोरेट आदेश प्राप्त करना शुरू कर दिया।
केनफ़ोलिओज़ के साथ एक विशेष साक्षात्कार में सुनील ने भावुक स्वर में कहा “एचसीएल से मिले आर्डर मेरे लिए पहले मील का पत्थर था। मैंने जो संघर्ष किया था उसकी ताकत के सकारात्मक परिणाम मैंने देख लिया।”
सुनील उत्कृष्ट गुणवत्ता के साथ व्यवसाय करने के लिए उत्सुक थे। उन्हें अहसास था कि ताजा केक खाने की चाहत क्या होती है। उन्होंने सुनिश्चित किया कि केक केवल ऑर्डर पर तैयार किया जाए और ताजगी सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम संभव समय में वितरित किया जाए। गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए और उनकी उपस्थिति के महत्व को जानने के बाद, सुनील ने फ्लाइंग केक्स के शुरुआती दिनों में चौबीसों घंटे काम किया। बेहतर गुणवत्ता के केक मुहैया कराने के उनके दृढ़ संकल्प ने उन्हें एक ब्रांड बनाने और नई शाखाएं खोलने में मदद की। उनकी पंद्रह मिनट की तैयारी तकनीक ने सुनील के अधिकांश ग्राहकों को बनाए रखा है।
आज, फ्लाइंग केक्स एक प्रसिद्ध केक-शॉप ब्रांड है, जो नोएडा, दिल्ली, बैंगलोर और पुणे जैसे शहरों में अपनी 15 शाखाओं के माध्यम से 8.5 करोड़ रुपये का कारोबार करता है। उन्होंने हाल ही में नोएडा में पिज्जा, बर्गर जैसे फास्ट फूड उत्पादों की एक नई श्रृंखला शुरू की है। सुनील वर्ष 2024 तक पंद्रह नई शाखाएं खोलने का लक्ष्य बना रखे हैं।
आकांक्षी उद्यमियों को सुनील यह संदेश देते हैं कि “आपको जोखिम उठाने से डरना नहीं चाहिए, जोखिम के बिना, आप हमेशा के लिए उसी स्थान पर रह जाएंगे। जिंदगी में कुछ बड़ा करने के लिए आपको रिश्क उठाने होंगे, कभी-कभी परिस्थितियाँ आपके विरोध में होगी, तब आपको उसका डटकर मुकाबला करना है।”