कुल्लू : अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के चलते अब देवी देवताओं का ढालपुर मैदान पहुंचना शुरू हो गया है। तो वहीं मंगलवार शाम तक 200 देवी देवता ढालपुर मैदान पहुंचे सैकड़ों हरियान के साथ देवता ढालपुर मैदान पहुंचे और ढोल नगाड़ों की ध्वनि से पूरा ढालपुर मैदान गूंज गया। वहीं बुधवार सुबह तक बाकी देवी देवता भी ढालपुर मैदान पहुंच जाएंगे और भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा में शामिल होंगे। पीएम के दौरे को देखते हुए पहले दिन सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहेगी और इसके साथ ही कई बंदिशें भी रहेंगी। दशहरा उत्सव में भगवान रघुनाथ कई सालों बाद अपने पुराने समय 2:00 बजे तक पहुंच जाएंगे। आम तौर पर भगवान रघुनाथ की रथयात्रा 4:00 बजे के बाद शुरू होती रही है। भगवान रघुनाथ के ढालपुर पहुंचने के बाद सभी रस्में निभाई जाएंगी। इसके बाद रघुनाथ की रथयात्रा सैकड़ों देवी-देवताओं के साथ शुरू होगी। भगवान रघुनाथ के ढालपुर आने का कार्यक्रम तब तक शुरू नहीं होता है, जब तक माता हिडिंबा नहीं पहुंचती हैं। अश्व और शस्त्र पूजन भी भगवान रघुनाथ के ढालपुर में आने से पूर्व होता है। इस बार 11:00 बजे ही अश्व पूजन किया जाएगा। इसके साथ माता हिडिंबा दशहरा में एक दिन पूर्व ही हनुमान मंदिर रामशिला पहुंच जाएंगी। भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि 1:30 बजे के बाद भगवान रघुनाथ ढालपुर के लिए रवाना होंगे और 2:00 बजे तक ढालपुर पहुंच जाएंगे। यह भगवान का पुराना समय भी था। सुबह 11:00 बजे अश्व पूजन किया जाएगा।
ढालपुर मैदान में सभी देवताओं के अस्थायी शिविर बनकर तैयार हैं। बाह्य सराज आनी से देवता कोट भझारी भी अस्थायी शिविर पहुुंच गए हैं। वहीं सैंज घाटी के साथ बंजार, मनाली, मणिकर्ण के देवता भी ढालपुर पहुंच चुके हैं। निरमंड और आनी के अधिकतर देवता भी दशहरा उत्सव में शामिल होने के लिए पहुंच गए हैं। जिनमे कई देवताओं ने 200 किलोमीटर से भी अधिक का सफर पैदल तय किया है।
जिला देवी देवता कारदार संघ के जिला अध्यक्ष दोत राम ठाकुर ने दशहरा के लिए देवी-देवताओं की रथ यात्राएं जिला भर से आरंभ हो गई है। उन्होंने कहा कि मंगलवार सुबह से लेकर शाम तक ढालपुर में करीब 250 देवता पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बार दशहरा में 332 देवी-देवताओं में से करीब 300 के आने की संभावना है।