बॉलीवुड स्टार सिद्धार्थ मल्होत्रा और कटरीना कैफ खी फिल्म ‘बार बार देखो’ का गाना ‘काला चश्मा’ इन दिनों फिर चर्चा में है. जहां भारतीय क्रिकेट टीम अपनी पार्टी में इस गाने पर थिरकते हुए नजर आई, वहीं अफ्रीका में भी एक डांस ग्रुप इस गाने पर परफॉर्म करता हुआ दिखा. इस गाने पर इतने रील्स, वीडियो क्लिप बन चुके हैं कि ये Pop Culture का हिस्सा बन चुका है.
देश से लेकर विदेशों में इस गाने की धूम मची हुई है. लेकिन, क्या आपको पता है कि ये पंजाबी गाना किसने लिखा था? ये गाना आज से 22 साल पहले पंजाब पुलिस में कांस्टेबल के रूप में काम करने वाले अमरीक सिंह शेरा गदगद ने लिखा था और उस वक्त इस गाने को बनाने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ था.
15 साल की उम्र में लिखा था यह गाना
अमरीक सिंह शेरा मौजूदा समय में पंजाब पुलिस के सीनियर हेड कांस्टेबल हैं. वो जालंधर के तलवंडी चौधरीयान गांव के रहने वाले हैं. महज़ 15 साल की उम्र में शेरा ने इस गाने को कोरे कागज पर उतार दिया था. उन्होंने यह गाना साल 1990 में लिखा था. उस वक़्त वो कक्षा 9th के छात्र थे.
Tribune
शेरा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि कैसे उन्हें इस गाने को लिखने का आइडिया मिला. वो उन दिनों अपने परिवार के संग किसी काम से चंडीगढ़ गए हुए थे. अमरीक बस में सफर कर रहे थे. रेडलाइट पर उनकी बस रुकी. उसी समय उन्होंने एक लड़की को काला चश्मा लगाए व जींस पहने देखा. तभी उनके मन में ‘काला चश्मा’ गाना लिखने का आइडिया आया.
कोई कंपोज करने को नहीं था तैयार
अमरीक सिंह शेरा ने इस गाने को कागज पर उतार दिया था. अब जरूरत थी एक संगीतकार की जो इस गाने को अपनी आवाज देता. इसको कंपोज करवाने के लिए वे कई संगीतकार के पास गए. लेकिन सभी ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया. कोई इस गाने को कंपोज करने के लिए तैयार नहीं हुआ. उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिली.
फिर साल 1991 में पंजाबी गायक अमर अर्शी ने इसे पहली बार लंदन के एक कार्यक्रम में गाया. तब वहां मौजूद लोगों ने इस गाने को खूब पसंद किया. आगे मेकर्स ने इसे म्यूजिक एल्बम की शकल दी, जिसे प्रेम हरदीप और काम ढिल्लो ने म्यूजिक दिया था. हालांकि, ‘काला चश्मा’ को वो रिस्पांस नहीं मिला जिसकी मेकर्स को उम्मीद थी. तब तक यह गाना मशहूर नहीं हुआ था.
inext
नहीं हुआ पॉपुलर
इसके बाद इस गाने को साल 2007 में एक पंजाबी फिल्म ‘कौन किसे दा बेली’ में शामिल किया गया. एक बार फिर वो मुकाम इस गाने को नहीं मिला. वो महज पंजाब तक सिमट कर रह गया. फिर साल 2010 में इस गाने को रिमिक्स किया गया, जिसके बाद ये गाना पार्टियों में लोगों की पसंद बन गई. इसके बाद उनके इस गाने को बॉलीवुड फिल्म ‘बार बार देखो’ में शामिल किया गया. फिल्म की चर्चा उतनी नहीं हुई, लेकिन यह गाना देखते ही देखते काफी पॉपुलर हो गया. हर कोई डीजे पर इस गाने की धुन में थिरकता हुआ नजर आया.
Tribune
गाना लिखने के लिए मिले थे 11 हजार रुपए
अमरीक सिंह शेरा को इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनका गाना ‘काला चश्मा’ किसी बॉलीवुड फिल्म का हिस्सा बनेगा. टाइम्स नॉउ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमरीक को एक दोस्त का फोन आया कि एक चैनल पर काला चश्मा गाना बजाया जा रहा है. अमरीक कहते हैं, इस बात पर मैं खुश भी था और हैरान भी था. क्योंकि मुझसे झूठ बोला गया था. जी म्यूजिक कंपनी के लेबल तहत रिलीज हुए इस गाने की पॉपुलैरिटी का फायदा बॉलीवुड ने उठाया. अमरीक के हाथ सिर्फ 11 हजार रुपए आए थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुंबई स्थित एक कंपनी ने अमरीक से 11 हजार रुपए में इस गाने को एक सीमेंट एजेंसी के उद्घाटन समारोह में बजाने के लिए एक एग्रीमेंट साइन करवाया था. लेकिन, उनका गाना फिल्म में शामिल किया गया जिसकी अमरीक को कोई जानकारी नहीं थी.
“मुझे उस सीमेंट कंपनी का नाम नहीं पता, मुझे यह भी नहीं बताया गया था कि इस गाने को किसी फिल्म में शामिल किया जा रहा है. मुझे इससे कोई एतराज भी नहीं है, लेकिन मेरे दिल में मलाल जरूर है. कम से कम इस गाने के लांच या फिल्म स्क्रीनिंग के समय बॉलीवुड की तरफ से उन्हें आमंत्रित किया जाना था. मगर, मुझे नहीं बुलाया गया. मैं वहां जाना चाहता था और लोगों को बताना चाहता था कि एक छोटे से गांव के एक व्यक्ति ने इस गाने को लिखा है.”
Cinestaan
वहीं अमरीक के इस गाने को मशहूर सिंगर बादशाह ने भी रिमिक्स का तड़का दिया. उन्होंने इसके लिए अमरीक सिंह शेरा को क्रेडिट भी दिया था. आज अमरीक का यह गाना 22 साल बाद भी हर किसी की जुबान पर है. शायद यही उनकी सबसे बड़ी कमाई है.