प्रदेश में कई ऐसे सामुदायिक और सिविल अस्पताल हैं, जहां डॉक्टरों और फार्मासिस्टों का अतिरिक्त स्टाफ बैठा है। कई कर्मचारियों ने नेताओं से जुगाड़ कराकर घर के नजदीक अपनी तैनाती करवा रखी है, जबकि कई ने बीमारी का बहाना बनाकर नजदीकी स्टेशन पर प्रतिनियुक्ति ली है। प्रदेश सरकार ने ऐसे स्वास्थ्य कर्मचारियों की सूची मांगी है। सरकार के पास लगातार पंचायत प्रतिनिधि औषधालयों में स्टाफ की कमी को पूरा करने की गुहार लगा रहे हैं।
स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि हर स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर समेत अन्य कर्मचारियों की तैनाती की जा रही है। विभाग से स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ न होने की सूची मांगी गई है। जो कर्मचारी डेपुटेशन में इधर-उधर हैं, उनका भी रिकॉर्ड मांगा गया है।
अस्पताल आकर कराना पड़ रहा उपचार
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ न होने से लोगों को साधारण बीमारी सर्दी, खांसी का उपचार कराने अस्पताल आना पड़ रहा है। इससे अस्पतालों में मरीजों की भीड़ उमड़ रही है।