1 एकड़ में 300 जामुन के पौधे लगाने से भरत को एक साल में ही कम से कम ₹500000 की कमाई हुई है. दिलचस्प तथ्य यह है कि इस खेती में भरत को मेहनत नाम मात्र की करनी पड़ती है.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाले भारत लागले आम किसानों की तरह अपने खेत में अनार, अंगूर और इस तरह की फसल की खेती करते थे. अनार और अंगूर में के पौधे में रोग लग जाने की वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा. इसके बाद उन्हें किसी व्यक्ति ने ओडिशा से सफेद जामुन के पेड़ लाने का आइडिया दिया. भरत करीब 3 साल पहले उड़ीसा जाकर सफेद जामुन के 300 पौधे लेकर आए और उसे महाराष्ट्र में अपने 1 एकड़ खेत में लगाया.
3 साल बाद भरत के सफ़ेद जामुन के यह पेड़ फल देने लगे हैं और भरत की किस्मत बदल गई है. सफेद जामुन का भाव देश के बड़े शहरों में 400 से ₹500 किलो के बीच है. अब जब जामुन के पेड़ से फसल आने लगा है और इसकी देखरेख में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती, भरत ने सोचा है कि अपने पूरे खेत में वे जामुन के पेड़ लगाएंगे.
वास्तव में अनार अनार और अंगूर जैसी खेती में मौसम की मार की वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. इस वजह से महाराष्ट्र के पुणे के बहुत से किसान सफेद जामुन की खेती करने लगे हैं.
1 एकड़ में 300 जामुन के पौधे लगाने से भरत को एक साल में ही कम से कम ₹500000 की कमाई हुई है. दिलचस्प तथ्य यह है कि इस खेती में भरत को मेहनत नाम मात्र की करनी पड़ती है.
गर्मी के मौसम में बैगनी रंग के जामुन हम सबने खाए हैं. इसका स्वाद खट्टा और मीठा दोनों तरह का हो सकता है. जामुन खाने के कई फायदे हैं. गर्मी और बरसात के मौसम में जामुन खाना सबको पसंद है. देश के कई इलाकों में अब बैगनी जामुन नहीं, बल्कि सफेद जामुन बिक रहा है.
महाराष्ट्र के पुणे के इंदापुर जिले के गांव सराफ़वाड़ी में रहने वाले भरत ने जामुन की नई किस्म बोई है. इससे पहले सफेद जामुन सिर्फ ओडिशा में ही मिलते थे. सफेद जामुन पुणे और मुंबई जैसे शहरों में ₹500 किलो तक बिकता है.
भरत ने कहा है कि उनके पास कुल 23 एकड़ जमीन है जिसमें वे कई फलों की खेती करते थे, लेकिन अब जब जामुन के फसल से उन्हें शानदार कमाई हुई है और अब वे अपने खेत में सिर्फ सफ़ेद जामुन का ही पौधा लगाने की कोशिश में जुटे हुए हैं.
भरत का कहना है कि सफेद जामुन की फसल से उन्हें एक साल में ही ₹500000 की कमाई हुई है. सफेद जामुन की फसल पर काफी मुनाफा होता है जबकि इसकी खेती में लागत कम है और पानी की जरूरत भी नहीं है. सफेद जामुन का स्वाद सामान्य बैगनी जामुन की तरह ही है लेकिन बैगनी जामुन खाने से आपकी जीभ बैगनी हो जाती थी.
सफेद जामुन को खाने से इस तरह की कोई दिक्कत नहीं होती. सफेद जामुन के गुण पूरी तरह बैगनी जामुन की तरह ही है. उसकी तरह स्वाद और उसके ही जैसा आकार है. अगर औषधीय प्रकृति की बात करें तो उसमें सफेद जामुन बैगनी जामुन से काफी आगे है. महाराष्ट्र के पुणे के ही नहीं अब औरंगाबाद, नासिक जैसे कई इलाके के किसानों ने सफेद जामुन की खेती शुरू कर दी है.