गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने पुलिस पूछताछ में कथित तौर पर कबूल किया है कि उसने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को मारने के लिए अपने गुर्गे को मुंबई भेजा था, लेकिन उसके पास लंबी दूरी तक मार करने वाली राइफल नहीं थी. इसके बाद उसने 4 लाख रुपये में राइफल खरीदने का फैसला किया. वह 1998 में जोधपुर में चिंकारा के शिकार को लेकर सलमान खान से नाराज था.नई दिल्लीः गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने कथित तौर पर खुलासा किया है कि 2018 में उसने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की “हत्या” के लिए पूरी तैयारी कर ली. इसके लिए उसने खास राइफल भी खरीदी थी, जिसके लिए 4 लाख रुपये का पेमेंट किया था. लॉरेंस बिश्नोई इन दिनों पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के सिलसिले में पंजाब पुलिस की हिरासत में है. उससे पहले दिल्ली पुलिस ने उससे पूछताछ की थी. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के सूत्रों ने न्यूज18 को बताया कि लॉरेंस ने सलमान को मारने की वजह भी बताई. उसने कथित तौर पर कहा कि वह सलमान खान से चिंकारा के शिकार को लेकर नाराज था क्योंकि हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में बिश्नोई समुदाय को चिंकारा प्रिय हैं.
सलमान खान के खिलाफ 1998 में राजस्थान के जोधपुर में ‘हम साथ साथ हैं’ फिल्म की शूटिंग के दौरान चिंकारा के शिकार का केस चला था. सलमान को जोधपुर की अदालत ने अप्रैल 2018 में दो काले हिरणों को मारने के जुर्म में पांच साल जेल की सजा सुनाई थी. सलमान ने सजा को ऊपरी अदालत में चुनौती दी है. इस मामले में सलमान को कुछ समय के लिए जोधपुर जेल में बंद भी रहना पड़ा था. बाद में उन्हें भरतपुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था.
लॉरेंस बिश्नोई ने पुलिस पूछताछ में कथित तौर पर कबूल किया कि उसने सलमान खान को मारने के लिए राजगढ़ के रहने वाले संपत नेहरा को मैसेज भेजे थे. नेहरा उस समय फरार था. सूत्रों के मुताबिक, लॉरेंस ने बताया कि सलमान को मारने के लिए संपत नेहरा को मुंबई भेजा गया था. उसने अभिनेता के घर के आसपास रेकी भी की थी. लेकिन नेहरा के पास केवल एक पिस्टल थी. उसके पास लंबी दूरी तक मार करने वाली राइफल नहीं थी. इसकी वजह से वह सलमान पर हमला नहीं कर पाया था.
लॉरेंस ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि इसी के बाद उसने आरके स्प्रिंग राइफल खरीदने का फैसला किया. लॉरेंस के मुताबिक, उसने दिनेश डागर नाम के शख्स को ये राइफल खरीदने का ऑर्डर दिया था. इसके लिए 4 लाख रुपये का पेमेंट भी कर दिया गया था. ये पेमेंट डागर के साथी अनिल पांडे को किया गया था. हालांकि 2018 में यह राइफल डागर के कब्जे से पुलिस ने बरामद कर ली थी.