अखिल भारतीय वद्यार्थी परिषद के हमीरपुर विभाग संयोजक अवनीश शुक्ला ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश का 41वाँ अधिवेशन छोटी काशी मंडी के मां भीमा काली मंदिर के परिसर में संपन्न हुआ।
इस अधिवेशन में वर्ष 2020-21 की कार्यकारिणी का गठन किया गया। जिसमें डॉक्टर सुनील ठाकुर प्रांत अध्यक्ष तथा विशाल वर्मा प्रांत मंत्री के रूप में निर्वाचित किए गए। इस अधिवेशन में दो प्रस्ताव भी पारित किए गए। “हिमाचल प्रदेश का वर्तमान परिदृश्य” व “हिमाचल प्रदेश का वर्तमान शैक्षणिक परिदृश्य” यह दो प्रस्ताव इस अधिवेशन में सर्वसम्मति से पारित किए गए। वर्तमान शैक्षणिक परिदृश्य की बात करें तो हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय घोषणा के 11 वर्ष बाद भी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है जबकि इसके साथ घोषित IIT मंडी का निर्माण व इसके बाद घोषित IIM व AIIMS का अपने भवन निर्माण का कार्य प्रगति पर है।लेकिन हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य अभी तक शुरू नही हो सका वहीं बात करें तकनीकी विवि हमीरपुर की तो वहाँ पर चल रहे 8 पाठ्यक्रमों में एक भी स्थाई प्राध्यापक की नियुक्ति नही हुई साथ कृषि विवि पालमपुर व बागवानी विवि नौंणी की भारी भरकम फीस से शिक्षा आम गरीब छात्र की पहुंच से बाहर हो रही है जिसे विद्यार्थी परिषद किसी भी सूरत में सहन नही करेगी। आने वाले समय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर कृषि व बागवानी विवि सहित छात्र संघ चुनाव की बहाली को लेकर एक निर्णायक लड़ाई लड़ेगी। इन मुद्दों को लेकर विद्यार्थी परिषद पूरे प्रदेश भर के अंदर एक जन आंदोलन खड़ा करेगी। वही कुछ दिन पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा निजी स्कूलों की फीस को लेकर एक अधिसूचना जारी की गई जिसमें यह कहा गया कि स्कूल प्रबंधन अप्रैल माह से अभी तक की ट्यूशन फीस के अलावा सभी प्रकार के शुल्क फिर से ले सकते हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इसका विरोध करती है व प्रदेश सरकार से यह मांग करती है कि जब पिछले 8 महीनों से सभी स्कूल बंद है ऐसे में ट्यूशन फीस के अलावा किसी भी तरह की फीस ली जाना तर्कसंगत नहीं है। विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार से मांग करती है निजी स्कूलों सहित किसी भी शिक्षण संस्थान के अंदर ट्यूशन फीस के अलावा कोई भी अतिरिक्त फीस इस सत्र में नहीं ली जाए। बात करें प्रदेश के वर्तमान परिदृश्य की तो कोरोना महामारी के चलते प्रदेश के अंदर बेरोजगारी की समस्या बढ़ रही है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार से मांग करती है कि इस स्थिति के अंदर प्रदेश सरकार सकारात्मक कदम उठाए ताकि बेरोजगारी की समस्या से निजात मिल सके।