5-6 लोगों ने उठाकर दीवार से फेंका, जा सकती थी जान… लद्दाख में क्लाइमेट फास्ट पर बैठे सोनम वांगचुक हाउस अरेस्ट

Sonam Wangchuk Climate Fast: लद्दाख के रहने वाले सोनम वांगचुक पर आमिर खान ने फिल्म बनाई थी थ्री इडियट्स। आमिर की इस फिल्म में सोनम वांगचुक का किरदार फुंगसुक वांगड़ू के नाम का था। तब सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक चर्चा में आए थे। एक बार वह फिर चर्चा में हैं।

Sonam Wangchuk
सोनम वानचुक

श्रीनगर: लद्दाख प्रशासन ने प्रसिद्ध इनोवेटर सोनम वांगचुक के आंदोलन को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके साथ ही उन्हें हाउस अरेस्ट भी किया गया है। यह जानकारी थ्री इडियट के ‘फुंगसुक वांगड़ु’ ने खुद थी। सोनम संविधान की छठी अनुसूची और क्षेत्र के लिए अन्य सुरक्षा उपायों की मांग को लेकर पांच दिवसीय अनशन पर हैं, इसके अलावा लोगों से जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए अपनी कार्बन गहन जीवन शैली को बदलने का आग्रह कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां अंधेर नगरी हो गई है। सोनम ने डर जाहिर किया कि जो हालात हैं, उससे आने वाले समय में लेह-लद्दाक के लोग आतंक की राह पकड़ सकते हैं। सोनम वांगचुक पर बनी 2009 की बॉलिवुड फिल्म थ्री इडियट्स बहुत लोकप्रिय हुई थी। उन्होंने गणतंत्र दिवस पर अपने हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख की छत पर अपना 5 दिवसीय उपवास शुरू किया। इलाके में इन दिनों माइनस 20 डिग्री का तापमान है। सोनम ने कहा, ‘लद्दाख में सब ठीक नहीं है।’

सोनम ने कहा प्रशासन ने उन्हें समुद्र तल से लगभग 17852 फीट ऊपर खारदुंगला दर्रा जाने की अनुमति नहीं दी, जहां उन्होंने अपने अन्य समर्थकों के साथ विरोध करने की योजना बनाई थी। वह चाहते हैं कि प्रधानमंत्री क्षेत्र के लिए भूमि, पारिस्थितिकी, संस्कृति और रोजगार की रक्षा के लिए उनकी मांगों पर चर्चा करने के लिए तुरंत लद्दाख भर के नेताओं को एक बैठक के लिए बुलाएं।

‘खारदुंगला जाने से रोका’

‘फुंसुक वांगड़ू’ ने कहा, ‘शून्य से 20 डिग्री कम तापमान में एचआईएएल कैंपस की छत पर अनशन का सोनम का तीसरा दिन है, आंशिक रूप से क्योंकि भारी बर्फबारी के कारण खारदुंगला दर्रा अवरुद्ध हो गया था और आंशिक रूप से क्योंकि प्रशासन ने मेरे अनशन को एचआईएएल परिसर तक सीमित कर दिया था और खतरों का हवाला देते हुए खारदुंगला दर्रे की अनुमति नहीं दी। मुझे लगता है कि इसके अलावा भी बहुत कुछ है क्योंकि खारदुंगला के आधार में सुरक्षा और स्वास्थ्य की सभी बुनियादी सुविधाएं हैं और मुझे उस जगह पर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए।’

26 जनवरी के तड़के किए गए हाउस अरेस्ट

वांगचुक ने कहा कि 26 जनवरी को वह निकलने वाले थे। उससे पहले तड़के देखा कि मेरे घर के पास पुलिस की आवाजें सुनाई देने लगीं। कई गाड़ियां पुलिस आई। मुझे समझ नहीं आया कि क्या हुआ। सोचा कुछ तरीके होंगे पुलिस के। मैंने जाकर पुलिस से पूछा तो उन्होंने कहा कि आप इतनी बड़ी सख्शियत हैं इसलिए आपको हिफाजत से रखना चाहते हैं। आपको रिस्ट्रिक्ट करना हमारा उद्देश्य नहीं है। लेह में धर्म का एक बड़ा मंदिर है। वहां भी अनशन चल रहा था। वहां से आया कि लोग आपके आने की उम्मीद कर रहे हैं। मैं मंदिर गया। लोगों के साथ पूजा में बैठा। जब पूजा खत्म हुआ और लोग चले गए तो पुलिस के 6-7 लोग आए और कहा कि आप कैसे यहां आ गए?

‘सुरक्षा के नाम पर मेरे साथ अत्याचार’

‘पुलिस वालों ने मुझे धक्का दिया। परिसर का दरवाजा बंद था तो मुझे दीवार से उठाकर बाहर फेंका गया। मेरे साथ जबरदस्ती की गई। 26 जनवरी के दिन पुलिसवालों को दबाव में लेकर मेरी सुरक्षा के नाम पर मेरे साथ ऐसा किया गया, जिसमें मेरी जान जा सकती थी। पुलिस दबाव में है। सरकार अपनी नाकामी छिपाना चाहती है, नहीं चाहते कि लोगों के सामने सब उजागर हो।’

‘एलजी कर रहे अवैध काम’

सोनम वांगचुक ने कहा, ‘3 साल से यूटी प्रशासन नाकाम रहा है। हर आदमी यहां दुखी है। युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही हैं। 12 हजार नौकरी का वादा किया गया था सिर्फ 800 भर्तियां हुई हैं, वह भी पुलिस की, इसलिए की लोगों को दबाया जा सके। फंड्स बढ़े हैं। 6000 करोड़ का फंड है लेकिन प्रशासन इतना ढीला है कि बजट लैप्स होकर वापस चला जा जाता है। एक आदमी के फैसले पर 6000 करोड़ है, लोगों की कोई सहभागिता नहीं है। लेफ्टिनेट गवर्नर कुछ काम नहीं कर रहे हैं।’

लद्दाख में स्पेक्ट्रम और अन्य सामाजिक और आर्थिक मंचों के धार्मिक निकायों ने वांगचुक की पहल का समर्थन किया है और संबंधित धार्मिक स्थलों सहित कई स्थानों पर सांकेतिक उपवास किया है। यहां पर मनमर्जी चल रही है। अंधेर नगरी बन गई है। जो हालात हैं, यहां के लोग आतंकवाद की तरफ बढ़ सकते हैं। अमित शाह से अपील है कि हस्तक्षेप करें, शायद उन तक लोगों की बात नहीं पहुंच पा रही है।