Drinking water is not available in the city, the Ridge Mall Road is being washed by the Municipal Corporation water, people have raised the year

शिमला में 5 दिवसीय कला एवं शिल्प मेले का आगाज

हिमाचल प्रदेश में लुप्त होती जा रही शिल्प कला को बचाने और कलाकारों के हुनर को मंच दिलाने के मकसद से राजधानी शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में  में भाषा एवं संस्कृति विभाग ने राज्य संग्रहालय हिमाचल प्रदेश केे साथ मिलकर 9 से 13 सितम्बर तक पांच दिवसीय कला एवं शिल्प मेले का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें शिल्पकारों के अलग-अलग उत्पाद प्रदर्शनी और बिक्री के लगाए गए हैं ।मेले में  काष्ठ कला की जादूगरी, हिमाचल के प्राचीन वाद्य यंत्र, बांस से बनी कलाकृतियां, कुल्लू ,किन्नौर के ऊनी वस्त्र व पत्थर की कलाकृतियों लोगो को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।इस मेले का शुभारंभ आईएस आरडी धीमान द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से सभी व्यवसायों पर बुरा असर पड़ा है।इसी को देखते हुए शिल्प कारों को उनकी कला को जीवित रखने के लिए विभाग ने यह प्रयास किया है इससे जहां शिल्पकला का संरक्षण होगा वही कलाकारों को रोजगार भी मुहैया होगा।

मेले के जरिए शिमला आने वाले लोगों को हिमाचल की कला और संस्कृति की जानकारी मिलेगी और कलाकारों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।प्रदर्शनी में शिल्पकारों द्वारा बांस और चीड़ की पत्तियों से बनाये गए इको फ्रेंडली उत्पाद लगाए गए जो लोग अक्सर लेना पसंद करते हैं।उन्होंने कहा कि भारत गांव में बसता है शहर में आने के बाद भी लोग गाँव की चीज़ों को भूल नहीं पाते और गांव में बने उत्पादों को ढूढते है इसलिए प्रदर्शनी में वह उत्पाद लगाए गए हैं।मेले में प्रदेश के विभिन्न जिलों के करीब  18 स्टॉल लगाए गए है जिसमे प्रदेश के शिल्पकारों ने अपने उत्पाद लगाये है उनका कहना है की इसका उद्देश्य  ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाले उत्पादों को मंच प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में धर्मशाला और डलहौजी में इस तरह के मेले आयोजित किए जाएंगे।ताकि उनको लोगों तक पहुंचने का अवसर मिल जाए और अपने उत्पादों को बाजार बेचने का पाए।