मुसीबत कभी बताकर नहीं आती. कोरोना महामारी को ही ले लीजिए. किसी ने सपने में नहीं सोचा होगा कि उन्हें कभी ऐसी किसी बीमारी का सामना करना पड़ेगा, जिसके कारण हर किसी की जिंदगी प्रभावित होगी. इस कोरोना काल में किसी ने अपनी नौकरी खो दी, किसी का व्यापार ठप हो गया, तो कईयों ने तो अपने प्रियजनों को खो दिया.
कोरोना काल ने ही हमें सिखाया कि सही समय पर निवेश करना समय की मांग है. आज के समय में सिर्फ पैसा कमाना ही काफी नहीं है. पैसे की बचत और निवेश भी ज़रूरी है. (Start investing early) दरअसल, हमारी सेविंग ही है, जो बुरे वक्त में हमारे काम आती है. तो आइए जानते हैं कि वो कौन से तरीके हैं, जिनकी मदद से हम कम उम्र में निवेश शुरू कर आर्थिक रूप से मजबूत होकर अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं:
1. निवेश से पहले कम ही सही लेकिन बचत जरूरी
किसी भी तरह के निवेश से पहले बचत बेहद जरूरी है. दरअसल, आपकी बचत की रकम ही तय करती है कि आपको पैसे कहां और कितने समय के लिए लगाने हैं. अगर आप कभी भी बचतकर्ता नहीं रहे हैं, तो आप प्रति सप्ताह 500-700 रुपए निकाल कर शुरू कर सकते हैं. बचत के हिसाब से यह भले ही बहुत बड़ी रकम न हो, लेकिन एक-दो साल बाद जब आप इस पैसे को एक-साथ देखेंगे तो एक अच्छी खासी रकम होगी, जिसे आप कहीं निवेश कर लाभ कमा सकते हैं. पैसे बचाने के लिए आप बैंक के खाते, घर की गुल्लक इत्यादि का प्रयोग कर सकते हैं.
2. जल्द से जल्द, छोटी से छोटी रकम से शुरुआत
एक्सपर्ट युवाओं को जल्द से जल्द निवेश करने की सलाह देते हैं. उनके मुताबिक अगर हम अपनी नौकरी के शुरुआती दिनो में ही निवेश शुरू करते देते हैं, तो इसके जरिए होने वाला फायदे अधिक होगा. उदाहरण के लिए अगर आप 18 साल की उम्र में निवेश करना शुरू कर देते हैं तो आपको मिलने वाला रिटर्न उन लोगों से बहुत अधिक होगा, जो 35-40 की उम्र में निवेश करना शुरू करते हैं. एक बात और जरूरी नहीं है कि निवेश बहुत बड़ा किया जाए. कमाई के छोटे से छोटे हिस्से से निवेश कर भविष्य बनाया जा सकता है.
3. टर्म लाइफ प्लान और हेल्थ इंश्योरेंस जरूर हैं
युवाओं के कंधों पर अपने परिवार की जिम्मेदारी अधिक होती है. छोटे भाई-बहन, मां-बार और शादी हो गई है तो पत्नी और बच्चों को संभालना होता है. ऐसे में युवाओं को टर्म लाइफ प्लान और हेल्थ इंश्योरेंस में निवेश करने की सलाह दी जाती है. ये परिवार को मुश्किल समय में पर्याप्त आर्थिक सुरक्षा देता है. इसके अलावा, हेल्थ इंश्योरेंस आजकल इलाज के दौरान मदद करता है. परिवार का कोई सदस्य अगर अचानक बीमार पड़ता तो हेल्थ इंश्योरेंस होने पर आपके कंधों पर अतिरिक्त खर्च का बोझ नहीं पड़ता है और आपकी जिंदगी पटरी पर रहती है.
4. FD, PF, PPF, म्यूचुअल फंड आदि विकल्प हैं
कम उम्र में भले ही आपके पास कम खर्चे हो और महीने की सैलरी से आपका काम चल जाता है. मगर, जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ेगी, शादी होगी, बच्चे होंगे, खर्च तेजी से बढ़ता जाएगा. ऐसे में अगर आप कम उम्र में सैलरी के 20 से 30 प्रतिशत हिस्से को बचाकर लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करते हैं तो यह फायदेमंद होगा. बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, शादी और रिटायरमेंट के बाद ये रकम आपके काम आएगी. आप सेविंग के साथ निवेश के लिए FD, PF, PPF, NPS, म्यूचुअल फंड और इक्विटी म्यूचुअल फंड जैसे कई तरह के वित्तीय विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं
5. इमर्जेन्सी के लिए अलग से फंड बनाना अनिवार्य
बड़े-बुजुर्गों से हम बचपन से सुनते आए हैं कि इंसान को बुरे वक्त के लिए कुछ पैसे बचाकर रखने चाहिए. बचत के इस पैसे को तभी इस्तेमाल करना चाहिए, जब वास्तव में कोई इमरजेंसी हो. इमरजेंसी फंड के लिए कई तरीके हैं. सबसे आसान तरीका है कि एक नया बैंक अकाउंट खोल लिया जाए और नियमित रूप से हर महीने उसमें सैलरी का कम से कम 5 फीसदी हिस्सा जमा किया जाए. यह फंड मुसीबत में काम आता है.