रोटी पर 5%, पराठे पर 18% GST तय:टैक्स बचाने के लिए सचिन ने खुद को एक्टर बताया, पैराशूट नारियल तेल बना खाने का तेल

रेडी-टु-ईट पराठे पर क्या रोटी जितना GST ही लगना चाहिए? दलील है कि दोनों ही आटे से बनते हैं, इस्तेमाल का तरीका भी एक जैसा है, इसलिए बराबर टैक्स लगना चाहिए। इस तरह की जिरह पिछले 20 महीने से जारी थी और अब फैसला आ चुका है।

गुजरात की अपीलेट अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (AAAR) के मुताबिक रोटी पर 5%, जबकि पराठे पर 18% GST लगेगा। अथॉरिटी ने कहा कि पराठे का करीब आधा हिस्सा आटा होता है और इनमें आलू, मूली, प्याज के साथ वेजिटेबल ऑयल और नमक भी होता है, जबकि रोटी में सिर्फ आटा और पानी होता है।

टैक्स सिस्टम में रोटी और पराठे जैसे झगड़े पहले भी होते रहे हैं। सचिन तेंदुलकर क्रिकेटर हैं या एक्टर? पैराशूट नारियल तेल बालों के लिए है या खाने के लिए? डाबर का लाल दंत मंजन टूथ पाउडर है या आयुर्वेदिक दवा? नेस्ले की किटकैट चॉकलेट है या बिस्किट?

ये सवाल आपको भले ही बेहद आसान लग रहे हों, लेकिन टैक्स चुकाने वालों और टैक्स वसूलने वालों के लिए ये करोड़ों रुपये के सवाल हैं। कैसे?

केस-1: सचिन तेंदुलकर ‘क्रिकेटर’ या ‘एक्टर’?

विवाद: साल 2011 की बात है। सचिन तेंदुलकर को ESPN स्टार स्पोर्ट्स, पेप्सिको और वीजा कंपनियों से 5.92 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। उन्होंने IT Act के सेक्शन 80RR के तहत 1.77 करोड़ रुपये की छूट का दावा किया। 80RR के तहत अगर कोई खिलाड़ी, कलाकार और लेखक अपने काम के जरिए विदेशों से कमाई करता है तो उस रकम के एक हिस्से में टैक्स छूट ले सकता है।

सचिन को ये कमाई विज्ञापन और स्पॉन्सरशिप के एवज में मिली थी, न कि क्रिकेट खेलने के लिए। इसलिए ये छूट 80RR के दायरे में आती है या नहीं इस पर टैक्स अथॉरिटी ने सवाल खड़े किए।

सचिन का पक्ष: सचिन तेंदुलकर ने साफ तौर पर कहा कि इस आय के लिए उनका मुख्य प्रोफेशन क्रिकेट खेलना नहीं बल्कि एक्टिंग है। चूंकि 80RR के तहत एक्टर को भी छूट मिलती है इसलिए उन्हें भी छूट मिलनी चाहिए। सीधे शब्दों में सचिन ने अपना मुख्य पेशा एक्टिंग करना बताया ना कि क्रिकेट खेलना।

फैसला: ट्रिब्यूनल ने माना कि विज्ञापन करते वक्त सचिन को लाइट और कैमरे का सामना करना पड़ता है। इसमें कल्पना और क्रिएटिविटी की जरूरत है, जिसका आम लोगों पर असर होता है। भले ही बतौर क्रिकेटर उन्होंने अपनी ब्रांड वैल्यू बनाई हो, लेकिन उनकी एक्टिंग को नकारा नहीं जा सकता। आखिरकार टैक्स अथॉरिटी ने सचिन के ‘एक्टर’ के दावे को स्वीकार किया और उन्हें सेक्शन 80RR के तहत टैक्स में छूट दी गई।