हाल ही में ISRO ने सफलतापूर्वक अपना रडार इमेजिंग उपग्रह EOS-04 लॉन्च किया. यह इसरो द्वारा 2022 का पहला लॉच है जिसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में मौजूद सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से अपने गनतव्य भेजा गया गया. स्पेस रिसर्च में भारत को गर्व के क्षण देने के लिए जितना योगदान पुरुष वैज्ञानिकों का है. उतना ही योगदान महिला वैज्ञानिकों का भी है. यही कारण है कि आज हम यहां आपको उन भारतीय महिला वैज्ञानिकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने Space रिसर्च में सफलता के झंडे गाड़कर देश को गौरवान्वित किया.
अनुराधा टीके
अनुराधा टीके ने इसरो में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में काम किया और कम्युनिकेशन सैटेलाइट्स में विशेष… Read More
रितु करिधाल
डॉ. रितु करिधाल श्रीवास्तव India’s Mars orbital mission, मंगलयान की डेपुटी ऑपरेशन डायरेक्टर थीं और उ… Read More
मुथैया वनिता
भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम इंजीनियर, मुथैया वनिता ने इसरो में एक जूनियर इंजीनियर के रूप में अपनी य… Read More
मौमिता दत्ता
भारतीय भौतिक विज्ञानी मौमिता दत्ता ने मार्स ऑर्बिटर मिशन डेवलेपमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. रिप… Read More
नंदिनी हरिनाथ
बेंगलुरु में इसरो के सैटेलाइट सेंटर में एक रॉकेट वैज्ञानिक, नंदिनी हरिनाथ ने मंगलयान के लिए डिज़ाइन … Read More
Times of India
वी.आर. ललिताम्बिका
वीआर ललितांबिका इंडियन स्पेस एजेंसी के सबसे वरिष्ठ वैज्ञानिकों में से एक हैं और वर्तमान में भारतीय मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम गगनयान की डायरेक्टर हैं, जो भारत का अंतरिक्ष मिशन है जिसे तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को कम से कम सात दिनों के लिए अंतरिक्ष में ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ललिताम्बिका 30 से अधिक वर्षों से इसरो से जुड़ी हुई हैं और उन्होंने अंतरिक्ष रॉकेट कार्यक्रमों के निर्माण में एक अभिन्न भूमिका निभाई है.